सुकमा / फरवरी 2022/ छत्तीसगढ़ प्रदेश में दो माह तक चले कृषक भाईयों का महापर्व ‘‘धान खरीदी‘‘ सुकमा जिले में भी पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। पूरी मेहनत और लगन से अपने खेतों में लगाई फसलों को किसान भाईयों ने 01 दिसम्बर से 07 फरवरी तक समर्थन मूल्य पर शासन को विक्रय किया। जिले मंे इस विपणन वर्ष विगत वर्ष की तुलना में और अनुमानित लक्ष्य से अधिक धान खरीदी की गई। विगत वर्ष जहाँ केवल 12 हजार 336 कृषकों द्वारा पंजीयन कराया गया था, वहीं इस वर्ष कुल 14 हजार 612 कृषकों द्वारा 35 हजार 876.9959 हेक्टेयर रकबे में धान की खेती की गई। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष धान के रकबे में 9.01 प्रतिशत (5475.9650 हेक्टेयर) की वृद्धि दर्ज की गई। जिले में धान खरीदी कार्य में किसानों की सहुलियतों का पूरा ध्यान रखा गया। परिणाम स्वरूप जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शांति पूर्ण संपन्न हुई है।
किसान पुत्र मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के कुशल मार्गदर्शन में राज्य शासन द्वारा प्रदेश के कृषकों के हित में लिए गए फैसलों और नित नई योजनाओं का ही प्रतिसाद रहा कि इस विपणन वर्ष अधिक किसान भाईयों ने धान बेचने हेतु अपना पंजीयन कराया। देश भर में सबसे अधिक समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत मिलने वाले लाभ ने जिले में कृषि विकास के मार्ग को प्रशस्त किया है। इसी का प्रतिसाद रहा कि इस वर्ष 4 लाख 39 हजार 170 क्विंटल धान खरीदी के अनुमानित लक्ष्य के विरुद्व कृषकों द्वारा 4 लाख 62 हजार 909.60 क्विंटल क्विंटल धान का विक्रय किया गया। विपणन वर्ष 2020-21 में 3 लाख 84 हजार 899.20 क्विंटल धान खरीदी की गई थी।
इस वर्ष खोले गए 4 नवीन धान उपार्जन केन्द्र
जिले में बढ़ते कृषकों की संख्या और उपार्जन केन्द्रों में सुबह से ही कृषकों की भीड़ देखते हुए जिलेवासियों ने सुविधा के लिए नवीन केंद्र की स्थापना की मांग रखी थी। जिसे देखते हुए प्रदेश के उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन द्वारा विपणन वर्ष 2021-22 में जिले में 4 नवीन धान खरीदी केंद्र स्थापित किए गए। कुंदनपाल, बिरसठपाल, कांजीपानी और सोनाकुकनार ग्राम पंचायत में नवीन केंद्रों की स्थापना से वहां के कृषकों के साथ ही समीपस्थ ग्राम के कृषकों को भी सहूलियत मिली। पूर्व में जहां धान खरीदी केंद्र अधिक दूरी पर होने से उन्हें परेशानी होती रही, इस वर्ष बड़ी ही सुविधापूर्ण तरीके से उन्होंने अपनी उपज समर्थन मूल्य पर बेची। जिला प्रशासन द्वारा धान खरीदी केंद्रों में कृषकों की सुविधा हेतु पूर्ण व्यवस्था की गई थी। जिसके परिणामस्वरूप कृषकों को आसानी से टोकन मिले, तथा क्रमबद्ध तरीके धान विक्रय किया। टोकन काटने में लघु एवं सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी गई।
आज अंतिम दिवस पर धान उपार्जन केन्द्र कुन्दनपाल में धान विक्रय करने आए कृषक लच्छिन्दर यादव ने कुन्दनपाल में धान खरीदी केन्द्र स्थापित करने के लिए शासन प्रशासन के प्रति खूब आभार प्रकट किया। उन्होंने बताया कि पूर्व में उन्हें धान बेचने के लिए छिन्दगढ़ जाना पड़ता था, जिसमें उन्हें समस्या ता होती ही थी, साथ ही आवाजाही मेें भी अतिरिक्त पैसे खर्च करने पड़ते थे। इस वर्ष ही कुन्दनपाल में धान खरीदी केन्द्र की स्थापना की गई, जिससे कुंदनपाल सहित मिचवार, कुन्ना, पेदारास, पेंदलनार, डोलेरास, और के पंजीकृत किसानों ने सुविधापूर्वक अपना धान विक्रय किया।