छत्तीसगढ़

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग,शहर के कई जगहों का निरीक्षण कर देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों का किया चिन्हांकन

2 बालिकाओं को खुला आश्रय गृह, मरीन ड्राईव तेलीबांधा तथा 2 बालकों को शासकीय बाल गृह (बालक) माना कैम्प भेजा गया

रायपुर 12 फरवरी 2022/ माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार स्ट्रीट सिचुएशन ऑफ चिल्ड्रन के संबंध में जारी निर्देशों के अक्षरशः अनुपालन हेतु राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शहर के कई जगहों का निरीक्षण किया।भारत सरकार नई दिल्ली से रायपुर प्रवास पर आये सलाहकार द्वय सुश्री अंशु शर्मा एवं सुश्री पूजा पुनेठा द्वारा जिले में अंतर्विभागीय यथा जिला बाल संरक्षण इकाई. बाल कल्याण समिति. विशेष किशोर पुलिस इकाई, स्वास्थ्य विभाग, श्रम विभाग, शिक्षा विभाग, चाईल्ड लाईन एवं एनएसएस स्काउट, एनसीसी तथा स्थानीय नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों के साथ विगत 9 फरवरी को स्ट्रीट सिचुयेशन ऑफ चिल्ड्रन के संबंध में परिचर्चा बैठक किया गया। इसके बाद जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा गठित अंतर्विभागीय 22 सदस्यीय रेस्क्यू टीम द्वारा 11 फरवरी को उक्त सलाहकार द्वय के नेतृत्व में जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी तथा परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग के दिशा-निर्देश एवं मार्गदर्शन में स्ट्रीट सिचुवेशन ऑफ चिल्ड्रन (देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक) के विभिन्न हॉट-स्पॉट यथा घड़ी चौक, बस स्टैण्ड, रेल्वे स्टेशन, कमल विहार, पचपेड़ी नाका, गुढ़ियारी, चूना भट्टी, अमलीडीह, मरीन ड्राईव, राजेन्द्र नगर, सांई मंदिर, कटोरा तालाब, जैतस्तंभ चौक, काली बाड़ी आदि स्थानों पर निरीक्षण/भ्रमण करते हुए 20 बच्चों का चिन्हांकन किया गया।इसमें से 16 बच्चों के परिजनों को समझाईस दिया जाकर 4 बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इन बच्चों के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए 2 बालिकाओं को खुला आश्रय गृह, मरीन ड्राईव तेलीबांधा तथा 2 बालकों को शासकीय बाल गृह (बालक) माना कैम्प में सुरक्षा संरक्षण और आश्रय उपलब्ध कराया गया।
उक्त टीम द्वारा लगातार रेस्क्यू अभियान चलाते हुए जिले के विभिन्न नगरीय क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी भ्रमण कर देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों का चिन्हांकन किया जाएगा। ऐसे बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।केन्द्रीय एवं राज्य स्तर द्वारा बच्चों के हितार्थ के लिए संचालित योजनाओं से जोड़कर ऐसे बच्चों को लाभान्वित किया जाएगा ।

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