जगदलपुर, 21 फरवरी 2022/ समाज कल्याण विभाग द्वारा उभयलिंगी व्यक्तियों को मिले कानूनी अधिकारों के संबंध में जागरूक करने के लिए एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के रूप में तृतीय लिंग कल्याण बोर्ड की सदस्य सुश्री विद्या राजपूत और रवीना बरिहा मौजूद थीं।
कार्यशाला में विशेषज्ञों ने उभयलिंगी व्यक्ति को मिले कानूनी अधिकारों के प्रमुख प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया गया कि भारत सरकार द्वारा 10 जनवरी 2020 से यह कानून लागू किया गया है। इसके तहत तृतीय लिंगियों को प्रमाण पत्र प्रदान करने के साथ ही इनके विरुद्ध होने वाले हिंसा व भेदभाव रोकने के लिए भी कानून है। किसी भी तृतीय लिंगी के साथ मारपीट, लैंगिक व मौखिक हिंसा, सार्वजनिक स्थानों व सेवाओं को प्राप्त करने से रोकने आदि घटनाओं के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है, इसके तहत दो सालल तक के जेल व जुर्माने का प्रावधान है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ शासन द्वारा तृतीय लिंगी समुदाय के कल्याण हेतु संचालित कार्यक्रमों की जानकारी दी गई। इस अवसर पर पंचायतों से पहुंचे जनप्रतिनिधिगण और कर्मचारी उपस्थित थे।