छत्तीसगढ़

सफलता की कहानी

मुंगेली 23 फरवरी 2022// जिले के विकासखण्ड लोरमी के ग्राम झझपुरीकला के गौठान में कार्यरत् गायत्री महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं के लिए कड़कनाथ मुर्गी का पालन आय का जरिया बना है। समूह की महिलाएं कड़कनाथ मुर्गी से प्राप्त अण्डे का विक्रय कर लगभग 900 रूपये प्रतिदिन आमदनी प्राप्त कर रही हंै। गायत्री महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि समूह में लगभग 10 महिलाएं कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि ग्राम झझपुरीकला में गौठान स्वीकृति उपरांत सामुदायिक मुर्गी शेड का निर्माण किया गया एवं मुर्गी पालन हेतु ग्राम गौठान समिति द्वारा उनकी समूह का चयन किया गया तथा मुर्गी पालन का कार्य दिया गया। इसके साथ ही जिला प्रशासन द्वारा मनरेगा से शेड एवं डीएमएफ मद से कुक्कुट आहार तथा अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं प्रदाय की गई। पशु धन विकास विभाग द्वारा प्रशिक्षण उपरांत बैकयार्ड कुक्कुट पालन योजना अंतर्गत 450 कड़कनाथ के चूजे व चूजे के लिए पाॅच माह का आहार प्रदाय किया गया। समूह की महिलाओं ने बताया कि लगभग 05 माह होने के उपरांत अतिरिक्त नर मुर्गों का विक्रय किया गया। समूह के पास वर्तमान में 150 मुर्गियां एवं 20 मुर्गे उपलब्ध हंै। सभी 150 मुर्गियां अंडे प्रदाय योग्य हो गई हैं और प्रतिदिन समूह को 55 से 60 अंडे प्राप्त हो रही है। उन्हांेने बताया कि क्षेत्र में कड़कनाथ के अंडों की अत्यधिक मांग होने से 15 रूपए प्रति नग की दर से अंडों का विक्रय समूह के सदस्यों द्वारा किया जा रहा है, जिससे वर्तमान में समूह को लगभग 900 रूपए प्रतिदिन की आमदनी प्राप्त हो रही है। समूह की महिलाओं ने बताया कि वर्तमान में स्वयं के व्यय से 200 अतिरिक्त चूजे खरीदकर व्यवसाय बढ़ाने का कार्य भी प्रारंभ किया गया है। कड़कनाथ मुर्गी के अण्डा के विक्रय से लगभग 900 रूपये प्रतिदिन आमदनी होने से समूह की महिलाएं काफी खुश है। समूह की महिलाओं ने जिला प्रशासन क प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है।

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