सुकमा 23 फरवरी 2022/ ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने व रोजगार से जोड़ने और उन्हें आर्थिक रुप से सशक्त बनाने के लिए शासन प्रशासन द्वारा नई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। गौठानों में रोजगार मूलक गतिविधियों से लेकर मसाला प्रसंस्करण, वनोपज प्रसंस्करण इत्यादी कार्यों से जुड़कर महिलाएं सफलता की नई कहानी लिखने के साथ ही एक बेहतर भविष्य भी गढ़ रही हैं। सुकमा जिले में महिला समूहों को गौठानों में साग सब्जी उत्पादन, इमली प्रसंस्करण और मसाला उद्योग से आमदनी प्राप्त हो रही है।
आगामी गर्मीयों के मौसम को देखते हुए महिलाओं को अमचूर बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। जिले में आमतौर पर महिलाएं पारंपरिक विधि से अमचूर बनाने का कार्य करती है, उसे बेहतर और गुणवत्ता युक्त बनाने के उद्देशय से जिले की महिला स्व-सहायता समूहों को सफेद अमचूर बनाने का प्रशिक्षण प्रदाय किया जा रहा है।
ग्राम पंचायत लेदा से प्रशिक्षण कार्यक्रम की हुई शुरुआत
प्रशिक्षण कार्यक्रम छिन्दगढ़ विकासखण्ड के ग्राम लेदा से प्रारंभ किया गया। इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग्राम पंचायत लेदा की ज्ञान प्रकाश समूह की 12 महिलाओं और 05 पीआरपी को सफेद अमचूर बनाने के गुर सिखाए गए। प्रशिक्षण में महिलाओं को आम काटने के लिए लोहे के बजाय स्टील के चाकू का उपयोग करने पर जोर दिया गया, ताकि आम में कालापन ना आए। एनआरएलएम के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री महेन्द्र चौहान ने बताया कि बस्तर फूड्स के प्रतिनिधियों अजिन्क्या रहाणे एवं गुलेश्वरी द्वारा महिलाओं को आम तोड़ने, छिलने, सुखाने से लेकर अमचूर बनाने, उसके रखरखाव, साफ-सफाई की पूरी विधि बारीकी से बताई गई। वहीं कौशल विकास में कार्यरत महात्मा गांधी नेशनल फेलो सुश्री सावी अग्रवाल ने बताया कि प्रशिक्षण हेतु जिले के तीनों विकासखण्ड के चयनित महिला समूहों को आगामी दिवसों में प्रशिक्षण प्रदाय किया जाएगा। गुणवत्ता अमचूर उत्पादन से बाजार में अमचूर का बेहतर दाम मिलेगा और निश्चित ही महिलाओं को आर्थिक लाभ होगा।