जगदलपुर मार्च 2022/शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय में आज तीसरा दीक्षांत समारोह राज्यपाल और विश्वविद्यालय की कुलाधिपति सुश्री अनुसुईया उइके की उपस्थिति में गरिमामयी वातावरण में आयोजित किया गया। इस अवसर पर सुश्री उइके ने 95 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही वर्ष 2019-20 तथा 2020-21 में उत्तीर्ण स्नातक और स्नातकोत्तर के 28509 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई।
इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि यहां पदक प्राप्त करने वालों में लगभग 75 फीसदी बालिकाएं हैं, जो इस बात का सूचक है कि स्त्रियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। ये अपनी दक्षता, क्षमता और प्रतिबद्धता से नए भारत की गाथा लिखने को तैयार हैं।
सुश्री उइके ने कहा कि प्रकृति की सुरम्य गोद में बसे बस्तर के विद्यार्थी कोरोना जैसी कठिन परिस्थिति में भी अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहे और अपने अथक परिश्रम एवं साधना से लक्ष्य को प्राप्त किया। उन्होंने स्वयं को उपाधि तक सीमित नहीं रखने और ज्ञान की अनंत गहराइयों तक पहुंचने के लिए निरंतर सीखने के लिए प्रेरित किया।
सुश्री उइके ने कहा कि जनजातीय बाहुल्य इस अंचल में स्थापित इस विश्वविद्यालय ने दूर दराज के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा का अवसर प्रदान किया। उन्होंने शिक्षा का प्रसार दुर दराज तक करने के लिए और अधिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि इस अंचल में लगभग 69 फीसदी आदिवासी युवाओं के उच्च शिक्षा के सपने को साकार करने के लिए बस्तर में केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु सभी को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने बस्तर में केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए हर संभव प्रयास किए जाने की बात कही।
राज्यपाल ने यहां के युवा विद्यार्थियों से कहा कि वे यहां की भौगोलिक, आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों को बेहतर ढंग से जानने के साथ ही गहराई तक जुड़े हुए हैं। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे बस्तर से बाहर जाने पर यहां के आदिवासियों की सहज सरल व्यवहार, सुरम्य वातावरण तथा प्रकृति द्वारा इस अंचल को दिए गए सौन्दर्य के उपहार के संबंध में जरुर बताएं। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए समाज को कुछ लौटाने का सुअवसर आ गया है। उन्होंने सभी युवाओं से अपने दायित्वों का निवर्हन करने और देश-प्रदेश की उन्नति में भागीदार बनने की अपील की।
मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित रहे कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डाॅ. अरुण कुमार सिन्हा ने शिक्षा को निरंतर प्रवाहित होने वाली धारा बताया। उन्होंने औपचारिक शिक्षा के साथ ही अनौपचारिक शिक्षा को व्यक्तित्व निर्माण के लिए अत्यंत आवश्यक बताया।
कुलपति डाॅ शैलेन्द्र कुमार सिंह ने इस अवसर पर शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय में हो रहे विकास के संबंध मंे जानकारी दी। इस अवसर पर सांसद श्रीमती फुलोदेवी नेताम, श्री दीपक बैज, बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लखेश्वर बघेल, संसदीय सचिव श्री रेखचंद जैन, महापौर श्रीमती सफीरा साहू, कमिश्नर श्री श्याम धावड़े, पुलिस महानिरीक्षक श्री सुंदरराज पी, कलेक्टर श्री रजत बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र मीणा सहित विश्वविद्यालय के व्याख्यातागण एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।