छत्तीसगढ़

ग्रामीण महिलाएं भी दोहरी जिम्मेदारी निभाने में नहीं हैं पीछे

अम्बिकापुर मार्च 2022/ शहरी महिलाएं पुरुषों के समान कई दायित्व निभाकर पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है अब यह बात सामान्य भले हो चुकी है लेकिन उनसे प्रेरित होकर अब ग्रामीण महिलाएं भी पीछे नहीं है। वे कई भूमिकाओं का निर्वहन कर सामाजिक व आर्थिक रूप से सशक्त हो रही है। इसका मिसाल लखनपुर जनपद के राजपुरीकला निवासी श्रीमती ललिता सिंह है जो पारिवारिक जिम्मेदारी के साथ मनरेगा के मेट की जिम्मेदारी भी बखूबी निभा रही है। अब वह अपने ग्राम में केवल एक गृहणी ही नहीं बल्कि मेट में रूप में भी पहचाने जाने लगी है।
करीब 31 वर्षीय श्रीमती ललिता सिंह विगत 8 वर्षों से अपने ग्राम पंचायत में मनरेगा मेट का कार्य करते आ रही है। आज ग्रामवासी जानते है कि ललिता मनरेगा कार्यस्थल पर गोदी नापने, मस्टर रोल भरने तथा मनरेगा से सम्बंधित अन्य कार्य करती है। अपनी देख-रेख में उन्होंने कई डबरी और तालाब गहरीकरण के कार्य कराई हैं। श्रीमती ललिता बताती हैं कि पहले मेजरमेंट टेप पकड़ने में डर लगता था लेकिन अब खुद नाप लेती हैं। मोबाइल मॉनिटरिंग एप्प के जरिये 20 से अधिक श्रमिक वाले कार्यों की ऑनलाईन एंट्री भी कार्यस्थल से कर लेती हैं। 5 सदस्यीय परिवार में उनके पति राज मिस्त्री है। मेट के रूप में कार्य करने से परिवार को आर्थिक मदद मिल जाती है।  
ललिता सिंह अपने काम के प्रति बेहद संवेदनशील है। वह श्रमिक महिलाओं को कार्यस्थल पर आने तथा 100 दिवस कार्य के प्रति जागरूक भी करती है। मनरेगा के कार्य शुरू होने की जानकारी घर-घर जाकर देती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *