बिलासपुर, 9 मार्च 2022/कमिश्नर डॉ. संजय अलंग ने आज यहां शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में आयुर्वेद मेडिकल अफसरों के लिए ‘सतत मेडिकल एजुकेशन’ विषय पर आयोजित सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यशाला में सात राज्यांे- उत्तरप्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, ओड़िशा, मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ से आये एक सौ से ज्यादा आयुर्वेद अफसर हिस्सा ले रहे हैं। कार्यशाला का आयोजन आयुष मंत्रालय भारत सरकार एवं राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ नई दिल्ली के सहयोग से किया गया है। डॉ अलंग ने समारोह में कहा कि जीवन में एक बार किसी विषय का ज्ञान प्राप्त कर लेना ही पर्याप्त नहीं है। इस ज्ञान के बार-बार इस्तेमाल एवं अभ्यास से ही हमें वांछित विषय में कुशलता आती है, और बिना त्रुटि के हम कोई भी काम को पूर्ण कर पाते हैं। इसलिए इस तरह की कार्यशालाओ का आयोजन समय-समय पर होते रहने चाहिए।
कमिश्नर डॉ. अलंग ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की किताब ‘सत्य के साथ मेरा प्रयोग’ एवं कबीर के दोहों का दृष्टांत देकर अभ्यास एवं कुशलता के महत्व को समझाया गया। उन्होंने हिस्सा ले रहे प्रशिक्षार्थियों को गांधी जी द्वारा लिखित उक्त किताब को अनिवार्य रूप से पढ़ने का सुझाव दिया। महाविद्यालय के प्राचार्य एवं अधीक्षक डॉ. रक्षपाल गुप्ता ने स्वागत भाषण दिया। कार्यशाला में आज विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ. के.के.द्विवेदी रीडर एवं एचओडी कायचिकित्सा विभाग शासकीय पीजी आयुर्वेद महाविद्यालय वाराणसी एवं डॉ. संतोष कुमार भटेड़ रीडर एवं एचओडी पंचकर्म विभाग अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान नई दिल्ली ने विषय की बारीकियों के बारे में बताया। इस कार्यक्रम में प्रतिदिन भारत के प्रतिष्ठित आयुर्वेद संस्थानों से आये विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा 4 व्याख्यान प्रस्तुत किया जायेगा।कार्यक्रम के सफल आयोजन में महाविद्यालय के सभी डॉक्टर, अधिकारी, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राओं का विशेष योगदान रहा।