छत्तीसगढ़

महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए-श्री सिंहदेव

रायगढ़, मार्च 2022/ मनरेगा में महिलाओं की लगातार बढ़ रही भागीदारी में महिला मेटों की भूमिका को रेखांकित करते हुए रायगढ़ की पांच महिला मेटों का सम्मान किया गया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी.एस.सिंहदेव कार्यक्रम में मणिपुर से ऑनलाइन शामिल हुए। उन्होंने मनरेगा कार्यों से ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को जोडऩे के लिए महिला मेटों की सराहना की। उन्होंने योजना से जुड़े सभी महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई और शुभकामना भी दी। रायगढ़ से जिला पंचायत अध्यक्ष श्री निराकार पटेल कार्यक्रम में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री सिंहदेव ने सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। इससे समाज की मुख्य धारा उनके काम और हुनर से परिचित भी होगी। महिलाओं और पुरूषों की समता वाले समाज का निर्माण किया जाना चाहिए। श्री सिंहदेव ने महिला मेटों को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं पर घर के कामों की जवाबदारी होती है। उनके योगदान का कभी आर्थिक आंकलन नहीं हो पाता है। शासन द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले कार्यों में महिलाओं को पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराकर उन्हें वास्तविक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में प्रभावी कदम उठाया जा सकता है। मैदानी स्तर पर महिलाओं को बराबरी का अवसर देकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त कर सकते हैं, ताकि वे अपने परिवार में हर मोर्चे पर बराबरी से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सके। श्री सिंहदेव ने कहा कि पंचायतीराज कानून के नए स्वरूप में स्थापित होने के बाद महिलाओं की सशक्त मौजूदगी लगातार बढ़ रही है। मेरिट और आरक्षण के माध्यम से जो महिलाएँ आगे आ रही हैं, वे अपने परिवार और समाज को भी सशक्त कर रही हैं।
5 महिला मेट हुई सम्मानित
जिला पंचायत अध्यक्ष श्री निराकार पटेल ने आज रायगढ़ जिले की 5 महिला मेट को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जिन्होंने मजदूरी भुगतान, मूल्यांकन, दस्तावेज संधारण, कार्यस्थल पर सुविधाएं, महिलाओं की भागीदारी, दिव्यांगजनों की भागीदारी, वार्षिक कार्ययोजना निर्माण, समय-सीमा में कार्याे का संपादन, गुड गवर्नेस इनिशियेटिव्स का क्रियान्वयन आदि विषयों में अपना विशिष्ट योगदान दिया है। जिनमें ग्राम पंचायत सोड़केला के कुसुमलता वैष्णव जिन्होंने विगत दो वर्षो में मेट के रूप में कार्य रही है और अपने परिवार का भरण-पोषण में मदद कर रही है। जिन्होंने ग्राम पंचायत सोड़ेकेला में मनरेगा योजनान्तर्गत प्रगतिरत कार्यो में महिला श्रमिकों की संख्या बढ़ाने में विशेष योगदान दिया। इन्होंने घर-घर जाकर महिलाओं से बात की और उनको मनरेगा कार्यो में मजदूरी करने हेतु प्रोत्साहित किया। इसी तरह धरमजयगढ़ विकासखण्ड के पोड़ीछाल की बलेश्वरी सिदार जिन्होंने कोरोनाकाल संक्रमण के दौरान भी महात्मा गांधी नरेगा के कार्यों के संचालन में अपना योगदान दिया। उनके द्वारा लोगों को महात्मा गांधी नरेगा योजना के लाभ तथा कार्य के प्रति जागरूक किया जा रहा है, जिससे महात्मा गांधी नरेगा कार्यो में लोगों की भागीदारी में वृद्धि हुई है। लैलूंगा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत भेड़ीमुड़ा-अ की श्रीमती बिनीता भगत जो कक्षा 8 वीं उत्तीर्ण करने के पश्चात मनरेगा कार्य से जुड़ गयी है। बिनीता भगत के कार्य में रूचि को देखते हुए उन्हें महिला मेट के रूप में चयन किया गया। उन्होंने श्रमिकों को कार्य का आबंटन, मस्टर रोल में ग्रामीणों की उपस्थिति दर्ज करना एवं कार्य का माप करने के संबंध में प्रशिक्षित किया गया। बिनीता भगत मेट के रूप में अपने कार्यों का समुचित तरीके से निर्वहन कर रही है। उनके इस कार्य से अन्य ग्राम पंचायतों की महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत का काम कर रही है। विकासखण्ड तमनार के ग्राम पंचायत गौरबहरी की श्रीमती नीता राठिया ने विगत तीन सालों से महिला मेट की जिम्मेदारी निभाती हुई ग्राम के मजदूरों एवं परिवार के सदस्य को भी रोजगार दिलायी। उनके प्रयासों से वर्ष 2021-22 में 6497 मानव दिवस सृजित किए गए। विकासखण्ड खरसिया के ग्राम पंचायत गीधा की दीपलता राठिया कोरोनाकाल के दौरान भी मनरेगा के कार्यो के संचालन में अपना भरपूर योगदान दिया। उन्होंने लोगों को मनरेगा के कार्यों के प्रति जागरूक किया, जिससे जाबकार्डधारियों की मनरेगा कार्यो में भागीदारी में वृद्धि हुई। उनके प्रयासों से वित्तीय वर्ष 2021-22 की प्रथम छमाही में ही ग्राम पंचायत गीधा में 5686 मानव दिवस का सृजन किया गया। जिसमें से 2779 मानव दिवस सृजन महिलाओं द्वारा किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *