रायगढ़ मार्च 2022/ राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ राज्य में भी तहसील स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के कार्यपालक अध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति श्री यू.यू. ललित के द्वारा जिला न्यायालय राजनांदगांव में आयोजित नेशनल लोक अदालत की कार्यवाहियों की विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के माननीय कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी से जानकारी प्राप्त की गई।
इसी क्रम में न्यायमूर्ति श्री यू.यू.ललित के द्वारा राजनांदगांव जिला न्यायालय के ही एक न्यायालय पीठासीन अधिकारी अनिता कोशिमा, न्या.मजि.प्र.श्रे. के न्यायालय में वर्ष 2018 से लंबित माता मालतीबाई एवं पुत्र किशुन ठाकुर के मध्य लंबित फौजदारी के मामले में समझौता की कार्यवाही का जायजा लिया गया तथा न्यायाधीश एवं पक्षकारों से चर्चा की गई उक्त प्रकरण में पक्षकार की माता मालतीबाई जो अपनी वृद्धावस्था के कारण न्यायालय में आने में असमर्थ थी को विधिक सेवा प्राधिकरण के पैरालीगल वॉलिंटियर नीरज साहू के द्वारा ग्राम सिल्वोहा में जाकर विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनकी उपस्थिति न्यायालय में सुनिश्चित कराई गई। इस प्रकार धारा 294, 506बी, 323 का यह मामला माननीय न्यायमूर्तिगण की उपस्थिति में आपसी सुलह समझौता से निराकृत कराई गई।
इसी प्रकार तहसील न्यायालय अम्बागढ चौंकी में पीठासीन अधिकारी रोजमी खाखा, न्या.मजि.प्र.श्रे. के न्यायालय में लंबित दो काउंटर प्रकरणों में आपसी सुलह समझौता से मामला निराकृत कराया गया,जिसमें पक्षकार भीषण निषाद और मदन बंदेश्वर के मध्य धारा 294, 323, 506बी भादवि के कांउटर प्रकरण में दोनों पक्षकारों ने एक दूसरे पर लगाये गये अपने मामलें को आपसी रजामंदी से लोक अदालत के माध्यम से समझौता कर प्रकरण का निराकरण कराये। न्यायमूर्ति श्री यू.यू. ललित द्वारा भी उक्त पक्षकारों से और न्यायाधीश व लोक अदालत के उपस्थित सदस्यों से प्रकरण के संबंध में चर्चा की और भविष्य में किसी प्रकार की कोई लडाई झगडा नहीं करने की समझाईश दी गई।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी के द्वारा आयोजित नेशनल लोक अदालत की गठित खण्डपीठों का निरीक्षण किया गया तथा उपस्थित पक्षकारों को अपने मामले आपसी सुलह समझौता से कराने व उसके फायदे के बारे में बताते हुए प्रकरण निराकरण हेतु प्रेरित करते हुए पौधा देकर सम्मानित व प्रोत्सहित किया गया। न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी के द्वारा बैंक अधिकारियोंं, विद्युत मंडल के अधिकारियों, विभिन्न विभागों से आये अधिकारियों से भी लोक अदालत के संबंध में चर्चा की गई और प्रेस कान्फ्रेस लेकर आवश्यक जानकारी दी गई।
न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी ने प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि लोक अदालत के माध्यम से आपसी राजीनामा से समझौता कर प्रकरण निराकृत किया जाता है। इसकी अपील नहीं होती है। लोक अदालत से प्रकरण के निराकरण होने पर दोनो पक्षकार खुश होकर जाते है। लोगों का लोक अदालत के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया है। हमारे देश में इतनी ज्यादा जनसंख्या है और इतने मामले हैं। लोक अदालत से लोगों को जल्दी न्याय मिलता है। लोक अदालत से एक रास्ता खुलता है। लोगों ने अपने अहम को हटाकर आपसी समझौता से अपने मामले निपटाये। सालसा की योजनाओं से भी लोगों को जानकारी मिलती है। लोगों को लोक अदालत के माध्यम से मामले निराकृत करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। अधिक से अधिक मामलों को निराकरण करने का प्रयास हो रहा है।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री विनय कुमार कश्यप, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री सिद्धार्थ अग्रवाल, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं अन्य न्यायिक अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहें।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2022 में आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के अनुक्रम में, माननीय मुख्य संरक्षक छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाकर राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सहमति व सुलह समझौता से निराकृत किये गये हैं। उक्त लोक अदालत में प्रकरणों के पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति मेें निराकृत किये जाने के अतिरिक्त स्पेशल सिटिंग के माध्यम से भी पेटी आफेन्स के प्रकरणों को निराकृत किये गये हैं। प्राप्त जानकारी अनुसार संपूर्ण छत्तीसगढ राज्य में उक्त नेशनल लोक अदालत में आपसी सुलह-समझौता के माध्यम से विभिन्न न्यायालयों द्वारा कुल 10 लाख से अधिक प्रकरण निराकृत किये जा चुके हैं तथा नेशनल लोक अदालत की समाप्ति तक आज दिनांक को 2 लाख से अधिक प्रकरणों के निराकरण होने की संभावना बताई गई है।
न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी, कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा इस संपूर्ण लोक अदालत को सफल बनाये जाने हेतु निरंतर प्रयास करते हुए विडियो कान्फ्रेन्सिग के माध्यम से भी लगातार अधिक से अधिक मामलों को निराकृत किये जाने हेतु प्रेरित किया गया तथा आज भी स्वयं राजनांदगांव एवं बालोद जिले में आयोजित नेशनल लोक अदालत की स्वयं समीक्षा कर पक्षकारों तथा बार एवं न्यायाधीशगणों से चर्चा की गईं। नेशनल लोक अदालत, जो वर्चुअल एवं फिजिकल दोनों माध्यमों से जिला न्यायालय रायगढ़, तहसील न्यायालय सारंगढ़, घरघोड़ा, धरमजयगढ़ एवं खरसिया सहित राजस्व न्यायालयों में आयोजित किया गया। जिला, तहसील एवं राजस्व न्यायालयों में गठित खण्डपीठों में लंबित प्रकरण 2152 एवं प्रीलिटिगेशन प्रकरण 10915 को लोक अदालत में रखा गया, जिसमें से लंबित 727 एवं प्रीलिटिगेशन 1575 प्रकरण निराकृत हुये। इस प्रकार इस लोक अदालत में कुल 2302 प्रकरणों का निराकरण किया गया और उन प्रकरणा़ें के अंतर्गत कुल 73 लाख 17 हजार 261 रूपये का सेटलमेंट हुआ।