छत्तीसगढ़

जिले के कुनकुरी, कांसाबेल के ग्रामीणों ने चौपाल लगाकर उत्साह पूर्वक सुना लोकवाणी

जशपुर नगर, मार्च 2022/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 27 वीं कड़ी का प्रसारण आज किया गया। मुख्यमंत्री श्री बघेल लोकवाणी में इस बार छत्तीसगढ़ सरकार-नारी शक्ति के सरोकार‘ विषय पर प्रदेशवासियों से बात की।
मुख्यमंत्री की  आयोजित मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी को जशपुर के विकासखण्ड कुनकुरी, कांसाबेल सहित अन्य जनपदों के अनेक जनप्रतिनिधियों ग्रामीणों, स्व सहायता समूह की महिलाओं ने उत्साह पूर्वक सुना।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने  प्रसारित रेडियोवार्ता लोकवाणी  में छत्तीसगढ़ सरकार-नारी शक्ति के सरोकार‘ विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में गांवों से शहरों तक तथा सरकारी नौकरी से लेकर स्व-रोजगार तक हर जगह महिलाओं की तरक्की के लिए रास्ते खुले है। हमारी बेटियां आईएएस, आईपीएस जैसी बड़ी परीक्षाओं में पास होकर प्रशासन की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमारे पुरखों की वजह से हमें ऐसा संविधान मिला है, जिसमें महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिया गया है। हमारे संस्कार और प्रयासों का ही नतीजा है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में महिलाओं का प्रतिशत, देश की अन्य विधानसभाओं की तुलना में सबसे अधिक है। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में भी महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। महिलाओं के मान सम्मान से ही हमारी सभ्यता और संस्कृति की पहचान होती है। प्रत्येक जिले में महिलाओं के लिए अपना महाविद्यालय हो, इसके लिए हमने 9 जिलों में नए महिला महाविद्यालय शुरू किए हैं। छत्तीसगढ़ के इन अभूतपूर्व प्रयासों को नीति आयोग ने भी सराहा है और वर्ष 2020-21 की इंडिया-इंडेक्स रिपोर्ट में लैंगिक समानता के लिए छत्तीसगढ़ को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि कोरोना के कारण माता-पिता को खोने वाले बच्चों की निःशुल्क शिक्षा के साथ उन्हें निःशुल्क कोचिंग और 500 से 1 हजार रुपए तक मासिक छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया। ‘महतारी जतन योजना’ के माध्यम से 1 लाख 71 हजार गर्भवती बहनों को गर्म भोजन तथा रेडी-टू-ईट, टेक होम राशन दिया जा रहा है। कोरोना के समय में भी हमने आंगनवाड़ी केन्द्र के हितग्राहियों को रेडी-टू-ईट फूड दिया। जैसे ही कोरोना का प्रकोप थोड़ा कम हुआ 5 जनवरी 2022 से प्रदेश के 51 हजार 415 आंगनवाड़ी केन्द्रों से गर्म भोजन देने की व्यवस्था प्रारंभ कर दी गई है। ‘कौशल्या मातृत्व योजना’ हमारे प्रदेश की अभिनव योजना है। पूर्व में प्रथम बेटी के जन्म पर प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान था। लेकिन दूसरी बेटी होने पर कोई आर्थिक मदद नहीं की जाती थी। हमने इस कमी को पहचाना और समाधान के लिए ‘कौशल्या मातृत्व योजना’ बनाई, जिसमें दूसरी बेटी के जन्म पर  भी 5 हजार रुपए की एकमुश्त आर्थिक सहायता का प्रावधान है। मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना’ के तहत छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण योजना में पंजीकृत हितग्राहियों की प्रथम दो पुत्रियों के बैंक खाते में 20-20 हजार रुपए की राशि का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमारे परिवार में महिलाएं सबका ख्याल रखती हैं। लेकिन अपने ही स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पातीं। इसलिए ‘दाई-दीदी क्लीनिक योजना’ के तहत चलित वाहनों में पूरे अस्पताल का सेटअप बनाकर, उन्हें बसाहटों और मोहल्लों में भेजने का इंतजाम किया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि नवा छत्तीसगढ़ हमारी बेटियों की सफलता की कहानियों से गढ़ा जाएगा। हम आप लोगों के लिए नई सुविधाएं और अवसर जुटाने की दिशा में लगातार प्रयास करते रहेंगे।
जिले के  कुनकुरी के बन्दरचुआ, ढोढ़ीबहार, रेंगारघाट के ग्रामीणों एवं कांसाबेल व बटईकेला,  में स्व सहायता समूह की महिलाओं, गौठान समूह के सदस्यों ने लोकवाणी के प्रसारण सुना गया । बन्दरचुआ के ग्रामीण द्वारा गाँव मे चौपाल लगाकर मुख्यमंत्री के लोकवाणी का आनंद उठाया। उन्होंने बताया कि उन्हें लोकवाणी सुनना बहुत अच्छा लगता है। वे नियमित रूप से हर माह लोकवाणी का श्रवण करते है।। ढोढ़ीबहार व रेंगारघाट के ग्रामीणों ने बतया की लोकवाणी के माध्यम से उन्हें सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी मिलती है। साथ ही लोगों के पूछे गए सवालों के माध्यम से क्षेत्र के विकास एवं उनके हक में के किए जा रहे प्रयासों के बारे में अवगत कराया जाता है। इसी प्रकार बटईकेला गौठान की स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि प्रदेश सरकार प्रारंभ से ही ग्रामीणों की भलाई एवं उनके आर्थिक  विकास के लिए कार्य करती आई है। मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा गौठान में विभिन्न आजीविका संवर्धन गतिविधिया संचालित कर ग्रामीण महिलाओं को उनसे जोड़कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने एवं आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि गौठान महिलाओं के लिए विभिन्न आजीविका गतिविधियों का केंद्र बन गया है। गौठान में गोबर खरीदी, जैविक खाद निर्माण, मुर्गी बकरी पालन, मशरूम, साग सब्जी उत्पादन, दोना पत्तल, विभिन्न प्रकार के फलो के प्रोसेसिंग यूनिट से लेकर अन्य कार्य संचालित किया जा रहा है। जिससे महिलाओं को रोजगार के लिए साधन प्राप्त हुए है और वे अपनी आमदनी में बढ़ोत्तरी कर आर्थिक रुप से मजबूत हो रही है। सभी महिलाओं ने  प्रदेश सरकार को ग्रामीणों की भलाई के लिए संचालित किये जा रहा योजनाओं के लिए धन्यवाद दिया।

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