छत्तीसगढ़

जिले में पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ

कोरबा मार्च 2022/ जिले में पोषण अभियान के तहत चौथे पोषण पखवाड़ा का शुभारंभ हो गया है। आज कोरबा जिले के 5 विकासखंडो के अंतर्गत 10 एकीकृत बाल विकास परियोजना के 2548 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण पखवाड़ा का शुभांरभ किया गया। जिसमें आंगनबाड़ी केन्द्रो, पंचायतों व ब्लाक स्तरीय रैली, सायकल रैली, बाइक रैली, व विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में जनप्रतिधियों द्वारा रैलियों को हरी झंडी दिखाकर पोषण पखवाडा का आरंभ किया गया। यह कार्यक्रम 21 मार्च से 4 अप्रेल तक सभी ग्राम पंचायतों में चलाया जायेगा। प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी पोषण पखवाड़ा में दो मुख्य उद्देश्य को शामिल किया गया है। जिसमें पहला आंगनबाड़ी में 0 से 6 वर्ष तक के समस्त बच्चों का वजन व उंचाई मापन कर स्वस्थ बच्चें की पहचान करना। दूसरा एक स्वस्थ मां और स्वस्थ बच्चें के लिए स्थानीय स्तर पर पारंपारिक भोजन को बढ़ावा देने हेतु जागरूकता लाना। पोषण पखवाड़ा के अंतर्गत समुदाय आधारित गतिविधियों जैसे-सुपोषण चौपाल, जन अंदोलन, महिला समूहो की बैठक, पालको का बैठक करना तथा लिंग संवेदनशील, जल प्रबंधन, एनीमिया की रोकथाम व प्रबंधन के प्रति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इस पखवाड़ा में विभिन्न विभागों को भी जन आंदोलन हेतु समन्वय किया जा रहा है, ताकि कोरबा जिले में लोगो को कुपोषण के प्रति व एनीमिया रोकथाम के लिये जागरूक किया जा सकें। कुपोषण दर व एनीमिया दर में प्रतिवर्ष 2 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। इसलिये इसमें कमी लाने के लिए पोषण पखवाड़ा का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। जिससे लोगो में इसके प्रति जागरूकता लाया जा सके और उनके व्यवहार में खानपान को लेकर एक समुचित बदलाव ला सके।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा श्री एम.डी. नायक ने बताया कि भारत सरकार व छत्तीसगढ़ राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत राज्य में दिनांक 21 मार्च से लेकर 4 अप्रेल तक पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। पोषण पखवाड़ा अंतर्गत आंगनबाड़ी स्तर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम का दिवस के अनुसार कैलेंडर जारी किया गया है। इस दौरान प्रतिदिन अलग-अलग गतिविधियों का आयोजन कर व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर पोषण सम्बन्धित व्यवहार परिवर्तन का प्रयास किया जाएगा। इस वर्ष पोषण पखवाड़ा का प्रमुख उद्देश्य स्वस्थ बच्चे की पहचान और स्वस्थ भारत के लिए पारम्परिक और आधुनिक संसाधनों के एकीकरण पर केन्द्रित गतिविधियां है। इसमें जनप्रतिनिधियों, सहयोगी विभागों, संगठनों, समूहों एवं जनसमुदाय का भी सहयोग लिया जाएगा।

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