छत्तीसगढ़

बेहतर वित्तीय प्रबंधन से छत्तीसगढ़ में इस वर्ष राजस्व सरप्लस की स्थिति: श्री भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ की वित्तीय स्थिति देश के पहले से स्थापित बड़े राज्यों की तुलना में बहुत अच्छी

राज्य के पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि और वित्तीय घाटा में हो रही लगातार कमी

छत्तीसगढ़ विधानसभा में 01 लाख 12 हजार 603 करोड़ 40 लाख रूपए की राशि का छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2022 ध्वनिमत से पारित

पिपरिया, कुंडा, बचरापोड़ी, चलगली, हसौद और सरगांव में नई तहसील की घोषणा

अगले कैलेंडर वर्ष से पत्रकारों की अधिमान्यता का नवीनीकरण 2 वर्ष में

रायपुर, 22 मार्च 2022/ छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज चर्चा के बाद 01 लाख 12 हजार 603 करोड़ 40 लाख रूपए की राशि का छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2022 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था देश के पहले से स्थापित बड़े राज्यों की तुलना में बहुत अच्छी है। राज्य के पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि हो रही है और वित्तीय घाटा भी बेहतर वित्तीय प्रबंधन और अनुशासन से लगातार कम किया जा रहा है। इस वर्ष छत्तीसगढ़ में राजस्व सरप्लस की स्थिति है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण राज्य के राजस्व में कमी आई, लेकिन बेहतर वित्तीय प्रबंधन के चलते हम कम ऋण भी ले रहे हैं। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2012-13 के बाद सबसे कम ऋण इस वर्ष लिया है। चालू वर्ष में केवल एक हजार करोड़ का शुद्ध ऋण लिया गया है। केन्द्र सरकार कहती है कि जीएसटी के एवज में राज्य सरकार ऋण ले। वर्ष 2019-20 में 3109 करोड़ रूपए का लोन लिया गया। वर्ष 2021-22 में 8 हजार 71 करोड़ का लोन लिया गया, जिसमें जीएसटी ऋण 4965 करोड़ रूपए तथा विशेष केन्द्रीय सहायता ऋण 282 करोड़ शामिल है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 की प्रथम तिमाही में 4000 करोड़ का ऋण लिया गया। दूसरी तिमाही में पूंजीगत व्यय 4624 करोड़ रूपए था, जो लिए गए ऋण से अधिक था। जनवरी 2022 की स्थिति में पंूजीगत व्यय 7629 करोड़ रूपए था और राजस्व आधिक्य 1103 करोड़ रूपए था। इसी प्रकार वित्तीय घाटा 6591 करोड़ रूपए था, जो जीएसडीपी का मात्र 1.65 प्रतिशत था। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सर्वजन हिताय- सर्वजन सुखाय की भावना के साथ काम करते हुए प्रदेश के किसानों, आदिवासियों युवाओं, महिलाओं, मजदूरों के हित में प्रारंभ की गई योजनाओं को पूरा करेगी और मितव्ययता को अपनाते हुए अनुत्पादक व्ययों में कमी लाने का हर संभव प्रयास करेगी। 

मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान सदस्यों द्वारा नवीन तहसीलों के गठन की मांग पर सदन में कबीरधाम जिले में पिपरिया और कुंडा, कोरिया जिले में बचरापौड़ी, बलरामपुर में चलगली, जांजगीर-चांपा जिले में हसौद और मुंगेली जिले में सरगांव में तहसील के गठन की घोषणा की। उन्होंने पत्रकारों को अधिमान्यता के नवीनीकरण में होने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों को देखते हुए अधिमान्यता नियम में संशोधन करने तथा अगले कैलेंडर वर्ष से पत्रकारों की अधिमान्यता का नवीनीकरण 2 वर्ष में करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने विनियोग पर चर्चा करते हुए कहा कि विनियोग वर्ष 2022-23 का आकार 01 लाख 12 हजार 603 करोड रुपए है। बजट 2022-23 का शुद्ध व्यय 1 लाख 4000 करोड रुपए का है। इसमें राजस्व व्यय 88 हजार 371 करोड़ रूपए और पूंजीगत व्यय 15 हजार 241 करोड़ रूपए है। राज्य को कुल 01 लाख 4 हजार करोड़ रूपए की राजस्व प्राप्ति होगी, जिसमें राजस्व प्राप्तियां 89 हजार 73 करोड़ रूपए तथा पंूजीगत प्राप्तियां 14 हजार 927 करोड़ रूपए होगी। बजट के वित्तीय संकेतकों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष राजस्व आधिक्य 702 करोड़ रूपए, वित्तीय घाटा 14 हजार 600 करोड़ रूपए का अनुमान है। वर्ष 2022-23 के लिए अनुमानित जीएसडीपी 4 लाख 38 हजार 478 करोड़ रूपए तथा जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में वित्तीय घाटा 3.33 प्रतिशत होगा। बजट में अनुसूचित जनजाति के लिए 33 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिए 12 प्रतिशत, सामाजिक क्षेत्र के लिए 37 प्रतिशत तथा आर्थिक क्षेत्र के लिए 40 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है। बजट में कृषि बजट का आकार 20 हजार 405 करोड़ रूपए है।

मुख्यमंत्री ने राज्य की आर्थिक स्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2021-22 के प्रावधिक अनुमान अनुसार स्थिर भाव पर राज्य की जीएसडीपी में 11.54 प्रतिशत वृद्धि संभावित है, जो राष्ट्रीय स्तर पर 9.2 प्रतिशत कमी की तुलना में अधिक है। वर्ष 2021-22 में स्थिर भाव पर कृषि क्षेत्र में 3.88 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में 15.44 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 8.54 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। राष्ट्रीय स्तर पर इन क्षेत्रों में अनुमानित वृद्धि दर क्रमशः 3.9 एवं 11.8 प्रतिशत तथा 8.2 की तुलना में छत्तीसगढ़ में काफी बेहतर स्थिति है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष राज्य में राजस्व सरप्लस की स्थिति है। छत्तीसगढ़ ने बजट का 80 प्रतिशत लोन लिया है। झारखण्ड में 89 प्रतिशत ऋण है। इसी तरह उत्तराखण्ड में 104 प्रतिशत, उत्तरप्रदेश में 92 प्रतिशत, गुजरात में 146 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 125 प्रतिशत और हरियाणा में 180 प्रतिशत ऋण है। छत्तीसगढ़ की स्थिति पहले से स्थापित देश के कई राज्यों से बेहतर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत राज्य सरकार केन्द्र की किसान सम्मान निधि योजना से ज्यादा राशि भूमिहीन कृषि मजदूरों को देगी। भूमिहीन कृषि मजदूरों को प्रतिवर्ष 7000 रूपए की सहायता दी जाएगी। इस योजना का लाभ हमारी आदिवासी संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले का मांझी, बैगा, गुनिया और पुजारी को भी मिलेगा। इसके साथ-साथ हाट पाहार्या एवं बाजा मोहरिया को भी इस योजना के समान लाभ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि पीएससी और व्यापमं की परीक्षाओं में स्थानीय युवाओं को शुल्क से छूट दी गई है। कर्मचारियों के हितों की चिंता करते हुए राज्य सरकार ने एनपीएस स्थान पर पुरानी पेंशन योजना बहाली करने का निर्णय लिया है। शासकीय अधिवक्ताओं के मानदेय में आगामी वर्ष से वृद्धि की जाएगी। उन्होंने कहा कि विधान सभा के सदस्यों की क्षेत्र विकास निधि 2 करोड रुपए से बढ़ाकर 4 करोड़ रूपए की जा रही है। जनपद अध्यक्षों का मानदेय 6000 रूपए से बढ़ाकर 10000 रूपए, जनपद उपाध्यक्ष का मानदेय 4000 रूपए से बढ़ाकर 6000 रूपए और सदस्यों का मानदेय 1500 रूपए से बढ़ाकर 5 हजार रूपए प्रतिमाह किया जाएगा। बस्तर संभाग में कार्यरत सहायक आरक्षकों को वेतन भत्तों और पदोन्नति का लाभ देने के लिए डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स का नवीन कैडर का गठन किया जाएगा। पांच पुलिस चौकियों मारो (बेमेतरा), जेवरा-सिरसा (जिला-दुर्ग), नैला (जांजगीर-चांपा), खरसिया (रायगढ़) और वाड्रफनगर (बलरामपुर) के थाने में उन्नयन के लिए 226 नवीन पदों, तीन नवीन पुलिस चौकी भैंसा (रायपुर), घटारानी जतमई (गरियाबंद), राहूद (जांजगीर) की स्थापना हेतु 99 पदों, बिलासपुर, जगदलपुर एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए 114 नवीन पदों का सृजन किया जाएगा। नौ जेलों में 50-50 बंदी क्षमता के बैरक निर्माण के लिए 16.96 करोड़ रूपए का प्रावधान तथा रायपुर में छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति स्मारक, पुलिस मेमोरियल टावर के लिए 01 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने पुलिस प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस द्वारा नशे का कारोबार करने वालों पर लगातार कड़ी कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध 436 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए। चिटफंड कंपनियों की 18 करोड़ से अधिक लागत की संपत्ति की नीलामी की गई और 17 हजार से अधिक निवेशकों को 11 करोड़ 32 लाख रूपए की राशि वापस दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवगठित मानपुर-मोहला-चौकी, सक्ती, सारंगढ़-बिलाईगढ़ और मनेन्द्रगढ़ जिलों के लिए 1100 नवीन पदों तथा 11 नवीन अनुविभाग कार्यालयों के लिए 37 पदों का प्रावधान किया गया है। बजट में अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए संचालित भवनविहीन छात्रावास आश्रमों हेतु 106 भवनों के निर्माण के लिए 50 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी तरह जगदलपुर (बस्तर), बासीन (बालोद), माकड़ी (कोण्डागांव) एवं मुंगेली में शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना के लिए प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि जनता की मांग को देखते हुए 32 नवीन स्वामी आत्मानंद शुद्ध हिंदी माध्यम स्कूल प्रारंभ करने का प्रावधान किया गया है प्रत्येक जिले में कम से कम एक हिंदी माध्यम स्कूल प्रारंभ होंगे। स्वास्थ्य व्यवस्था और चिकित्सा शिक्षा की बेहतर व्यवस्था के लिए नवीन भवन, आधुनिक लैब, उपकरणों और मानव संसाधन की व्यवस्था की जा रही है। विगत दो वर्षों में 01 हजार 329 डाक्टरों के साथ पुलिस और महिला बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, लैब टेक्निशियनों तथा तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की नियुक्ति की जा चुकी है। जगरगुण्डा (सुकमा) में 30 बिस्तर सीएससी एवं अहिवारा (दुर्ग) में 10 बिस्तर एनआरसी हेतु 45 पदों का सृजन, खैरागढ़ में 50 बिस्तर सिविल अस्पताल भवन निर्माण का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत मुख्यमंत्री पोषण अभियान सहित अन्य योजनाओं से विगत 3 वर्षों के दौरान कुपोषण में 8.7 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार राज्य में कुपोषण का प्रतिशत 31.3 है, जो कुपोषण के राष्ट्रीय औसत 32.1 से कम है। उन्होंने कहा कि राज्य के 48.60 लाख परिवारों को नल से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जल जीवन मिशन में 01 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार नगरीय निकायों में भी जल प्रदाय योजना के लिए प्रावधान किया गया है। वर्ष 2022-23 की कार्ययोजना में नरवा योजना के तहत 1950 नालों को उपचारित करने के लिए 300 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ द्वारा 65 वनोपजों का समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। इस योजना का यह सकारात्मक प्रभाव है कि इस वर्ष बस्तर में व्यापारी 45 रूपए प्रतिकिलो की दर पर महुए की खरीदी कर रहा है। प्रदेश में कोदो, कुटकी 3000 रूपए और रागी 3377 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जा रही है। इन फसलों का उत्पादन करने वाले किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना 10 हजार प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी का लाभ भी मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश के विकास में युवा शक्ति की सहभागिता बढ़ाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 11 हजार 664 तथा नगरीय क्षेत्रों में 1605 राजीव युवा मितान क्लब का गठन किया जाएगा। इस क्लब द्वारा अपनी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के साथ-साथ शासकीय योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग के बजट में 6638 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राज्य बजट के अतिरिक्त अन्य संसाधनों से वर्तमान में 16 हजार करोड़ रूपए से अधिक लागत की सड़कों एवं पुलों का निर्माण किया जा रहा है। राज्य मार्गों के निर्माण के लिए 228 करोड़, मुख्य जिला सड़कों के लिए 458 करोड़, ग्रामीण मार्गों हेतु 810 करोड़, वृहद एवं मध्यम निर्माण हेतु 315 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के लिए 150 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग में मुख्यमंत्री रेशम मिशन की शुरूआत की जाएगी। जिसके तहत जगदलपुर विकासखण्ड के नानगूर में ककून बैंक की स्थापना की जाएगी। संग्रहित रैली ककून 200 स्व-सहायता समूहों को धागाकरण के लिए दिया जाएगा। इन समूहों को इसके लिए प्रशिक्षण के साथ मशीन उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने राज्य के वित्तीय प्रबंधन की जानकारी देते हुए कहा कि पिछले 3 वर्षो में केन्द्र सरकार से केन्द्रीय करों में राज्य के हिस्से की राशि में 13 हजार 89 करोड़ रूपए की कमी तथा कोविड आपदा के कारण राजस्व में अपेक्षित वृद्धि नहीं होने के कारण राज्य सरकार को ऋण लेना पड़ा। राज्य सरकार द्वारा केवल 33 हजार 886 करोड़ रूपए का शुद्ध ऋण लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2021-22 के मुख्य बजट में पूंजीगत व्यय हेतु 13,839 करोड़ का प्रावधान था, जो पुनरीक्षित अनुमान में बढ़कर 14,191 करोड़ तथा वर्ष 2022-23 के बजट में 15,241 करोड़ रखा गया है। इसी प्रकार वित्तीय घाटा भी लगातार कम किया जा रहा है। वर्ष 2022-23 के लिए वित्तीय घाटा राज्य की जीएसडीपी का केवल 2.55 प्रतिशत होगा। यह एफआरबीएम एक्ट के अंतर्गत निर्धारित 3 प्रतिशत की सीमा से काफी कम है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *