छत्तीसगढ़

जल है तो कल है

रायपुर मार्च 2022/कलेक्टर श्री सौरभ कुमार के निर्देश पर आज विश्व जल दिवस के रूप में जल संरक्षण एवं संवर्धन के विषय पर शपथ ली गई तथा पानी के बचाव के संबंध में चर्चा की गई।

आज कार्यालय अधीक्षण अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, रायपुर मण्डल रायपुर, कार्यालय कार्यपालन अभियंता. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एण्ड रायपुर, एवं कार्यालय सहायक अभियंता, भू-जल संवर्धन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी उपखण्ड रायपुर के समस्त अधिकारी-कर्मचारी एवं अन्य लोगों द्वारा जल संरक्षण एवं संवर्धन के विषय पर शपथ ली गई तथा पानी के बचाव के संबंध में चर्चा की गई।

जन मानस को जागरूक करने हेतु विभाग में संचालित शासन की जल जीवन मिशन योजना के तहत ग्रामों तथा विकासखण्डों में जागरूकता को नए आयाम में पहुँचाने हेतु चर्चा की गई।प्रत्येक वर्ष विश्व जल दिवस को वृहद रूप से लोगों के बीच उसकी महत्ता को समझाने का प्रयास विभाग द्वारा सतत् रूप से किया जाएगा।

     कार्यक्रम में बताया गया कि"जल है तो कल है। इसके बावजूद हमारे द्वारा जल बेवजह बर्बाद किया जा रहा है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जल-संकट का समाधान जल के संरक्षण से ही है। हम हमेशा सुनते आए हैं "जल ही जीवन है" जल के बिना । सुनहरे कल की कल्पना नहीं की जा सकती। नगरीकरण और औद्योगिकीकरण की तीव्र गति व बढ़ता प्रदूषण तथा जनसंख्या में लगातार वृद्धि के साथ प्रत्येक व्यक्ति के लिए पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है देश के कई हिस्सों में पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर रहीं हैं। जो कि प्रत्येक वर्ष पहले के मुकाबले बढ़ती जा रहीं हैं।विश्व जल दिवस 22 मार्च पानी बचाने के संकल्प का दिन है। यह दिन जल के महत्व को जानने का और पानी के संरक्षण के विषय मे समय रहते सचेत होने का दिन है।इसी तारत्मय में विश्व जल दिवस के अवसर पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खण्ड रायपुर द्वारा जल जीवन मिशन के अंतर्गत परियोजना समन्वयकों की टीम द्वारा माता सुंदरी स्कूल रायपुर के बच्चों के बीच जल के सदुपयोग एवं बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम किया गया। जिसमें बच्चों को जल के महत्व के बारे में जानकारी देकर भविष्य में होने वाली भारी जल संकट को लेकर जागरूक किया गया। जल के प्रति उनकी जिम्मेदारी से उन्हें अवगत कराया गया। उन्हें इस बात से भी अवगत कराया गया कि भले ही पृथ्वी का तीन चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है किन्तु इनमें से 97% पानी खारा है जो पीने योग्य नहीं है। पीने योग्य पानी की मात्रा केवल 3% हैं इसमें भी 2% पानी ग्लेशियर एवं बर्फ के रूप में हैं। मतलब सही मायने में केवल 1% पानी ही मानव के उपयोग हेतु उपलब्ध है। अतः सुरक्षित भविष्य हेतु जल का संरक्षण एवं संदर्धन अति महत्वपूर्ण हैं।इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से माता सुंदरी शाला के प्राचार्य सी.एम, पटेल,शाला के शिक्षकगण, समस्त विद्यार्थी एवं जल जीवन मिशन के परियोजना समन्चयको की टीम उपस्थित रही।

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