आरंग/रायपुर 23 मार्च 2022।
टीबी (क्षय रोग) उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी को मात देकर बने कई टीबी चैंपियन अब दूसरे रोगियों को अपनी जीत की कहानी सुनकर इस बीमारी के जद से निकलने की राह भी दिखा रहे है । इन्हीं में से हैं जिले के दीपक सोनकर जो कहते हैं कि टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है, बशर्ते समय से सही उपचार शुरू किया जाए। इसमें लापरवाही गंभीर रूप धारण करती है। टीबी को मात दे चुके आरंग क्षेत्र के तीन टीबी चैंपियन अब लोगों को इस बीमारी और इसके इलाज के प्रति लोगों को जागरूक भी कर रहे है। सही इलाज और सरकार की तरफ से दी जाने वाली योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी जा रही है ।
दीपक बताते हैं जब वह फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहे थे, साथ ही एक प्रिंटिंग शॉप पर भी पार्ट टाइम काम किया करते थे एक दिन उन्हे हाथ में फोड़ा दिखाई दिया। इलाज के लिए उन्होंने डॉक्टर को दिखाया । झोलाछाप डॉक्टर ने बिना परामर्श के दवाइयां लिख दीं । स्वास्थ्य ठीक होने के बजाय और खराब होने लग गया। कुछ दिन बाद गले में गांठ की शिकायत हुई । कई डॉक्टरों को दिखाया कोई भी सही इलाज नहीं कर सका। शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ अब मानसिक स्वास्थ्य भी बिगड़ने लगा– ठीक से भूख नहीं लगती थी और हर समय एक चिड़चिड़ापन बना हुआ था ।
इस बीच लगभग पचास हजार रुपये भी खर्च हो गए। गरीब परिवार के लिये यह रकम बहुत बड़ी थी । “फिर मेरे एक मित्र ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर जाकर एक बार अपनी जांच करवाने की सलाह दी जहां प्रारंभिक जांच के बाद मुझे मेकाहारा (मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल रायपुर) में जाकर जांच करवाने को कहा गया । वहां भी शुरुआती चरण में कुछ समझ नहीं आया । उसके बाद मेरी टीबी जांच कराई गई । चिकित्सक ने बताया की आपको टीबी है । इस डर से कि ये जीवन घातक हो सकता है मैं वहीं रोने लगा लेकिन डॉक्टर ने बताया सही समय पर उपचार के फायदे बताए। चिकित्सकों की देखरेख में मेरा इलाज शुरू हुआ जो पूर्णतः नि:शुल्क था। “
अब क्षय रोग से ग्रसित लोगों का नियमित इलाज करवाने में दीपक की एक महत्वपूर्ण भूमिका रहती है । साथ ही दीपक जमा किए गए सैंपल को भी जांच केंद्र तक पहुंचाने का काम करते है । दीपक कहते हैं त्रुनाटमशीन से की गई जांच से अब क्षय रोग को आसानी से पहचाना जाता है।
टीबी से बचाव
यदि आप टीबी से पीड़ित हैं,आस पास किसी को टीबी है तो पहले कुछ हफ्तों के उपचार के दौरान, जब तक आपका डॉक्टर न कहे अब आपको कोई खतरा नहीं है। दूसरों को टीबी से बचाने में मदद करने के लिए इन अन्य युक्तियों का पालन करें। टीबी के प्रसार को रोकने के लिए कुछ सामान्य उपाय किए जा सकते हैं,
खांसी, छींक आने पर अपने मुंह को रूमाल से ढकें, नियमित मास्क का इस्तेमाल करें। इस्तेमाल करने के बाद एक प्लास्टिक की थैली में मास्क को सील करें, फिर इसे फेंक दें। खांसने, छींकने के बाद अपने हाथ धोएं। लोगों से मिलने न जाएं न ही उन्हें देखने के लिए आमंत्रित न करें। कार्यस्थल, स्कूल, या अन्य सार्वजनिक स्थानों से दूर रहें।