छत्तीसगढ़

भागवत कथा पुराण मानव मुक्ति ग्रंथ :श्रीकांत जोशी

रायपुर:- मुकुट नगर में 20 मार्च से चल रहे भागवत कथा पुराण निरंतर जारी है, जहां दूरदराज से श्रोतागण भारी तादाद में प्रतिदिन पहुंच रहे हैं और भागवत कथा एवं सुमधुर भक्ति संगीत का श्रवण कर मंत्रमुग्ध हो रहे हैं | आज व्यासगद्दी से आचार्य श्रीकांत जोशी जी ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा पुराण में सभी ग्रंथों का सार है ,यही एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें भगवान के सभी लीलाओं का वर्णन है |भागवत कथा पुराण को मुक्ति ग्रंथ भी कहा गया है इसलिए अपने पितरों की शांति के लिए इसे हर किसी को आयोजित करना चाहिए, इसके अलावा रोगों पारिवारिक अशांति दूर करने आर्थिक समृद्धि तथा खुशहाली के लिए इसका आयोजन किया जाता है |आचार्य श्रीकांत जोशी ने आगे श्रद्धालुओं को कथा सुनाते हुए सृष्टि वर्णन के विषय में बताया जिसमें मनु और सतरूपा के आगमन के पश्चात मनु से ही हम सब मानव कहलाए हैं, इसके बाद कर्दम और देवहूति के संतान के रूप में भगवान कपिल देव का प्राकट्य बताया जिन्होंने सांख्य शास्त्र का विवेचन करते हुए अपने मां देवहूति को भगवान को प्राप्त करने के लिए नाम ,रूप लीला और धाम मार्ग का आश्रय लेने का उपदेश दिया साथ ही भक्तों की भी श्रेणी बताते हुए चार प्रकार के भक्त आर्थ , आर्थिति, जिज्ञासु और ज्ञानी भक्त का उदाहरण दिया साथ ही उन्होंने आज ध्रुव की कथा भी सुनाया जिन्होंने 5 साल के उम्र में पांच महीने के कठिन तप से कैसे भगवान को प्राप्त किया और बताया कि जगत और जगदीश्वर से पहले जगदीश्वर को प्राप्त करने का प्रयास करें जगत अपने आप आपको सम्मान देगा। आज चतुर्थ दिवस वामन अवतार मत्स्य अवतार राम अवतार और कृष्ण अवतार की कथा होगी|

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