गौरेला पेण्ड्रा मरवाही, 6 अप्रैल 2022/ सहायक आयुक्त आदिवासी विकास ने बताया कि उन्हें कलेक्टर के द्वारा दूरभाष में बताया गया कि मरवाही विकासखंड के बालिका छात्रावास भर्रीडांड मे बच्चियां भूखी है साथ ही वहां चावल नही है इसकी तत्काल जांच कराए। कलेक्टर के निर्देश पर सहायक आयुक्त ने रात्रि लगभग 7.30 बजे जांच एवं निरीक्षण करने पहुँचे तो उन्होंने पाया कि होस्टल के बाहर भीड़ लगी हुई है और होस्टल में अंदर से ताला लगा हुआ था। सहायक आयुक्त के द्वारा ताला खोलवा कर अंदर प्रवेश किया गया तो उन्होंने पाया कि होस्टल में 5 बच्चियां 10 से 12 साल की है और वो सभी भोजन कर रही थी। सहायक आयुक्त ने बच्चियों को भोजन करते हुए देखा और उनका वीडियो बनाकर जिला प्रशासन को भेजा। उन्होंने भोजन के उपरांत उन बच्चियों से उनके खाने, नास्ते के संबंध में पूछताछ की तो बच्चियों ने बताया कि उन्होंने नाश्ता एवं भोजन किया है और उन्हे कोई तकलीफ नही है और बाहर खड़े लोग झूठ बोल रहे है ।
सहायक आयुक्त ने बताया कि छात्रावास के कर्मचारियों से पूछने पर यह भी ज्ञात हुआ कि 25 मार्च को सभी बच्चे अपने घर जा चुके थे क्योंकि तीन दिन का अवकाश था। उनमे से 5 बच्चियां आज ही 4 बजे ही आयी है व वार्डन के द्वरा उनको नाश्ता व खाना खिला दिया गया है। इस प्रकार यह शिकायत की बच्चियां दो दिन से भूखी है सरासर निराधार और बेबुनियाद पाई गई। जहां तक खाद्य सामग्री की उपलब्धता का प्रश्न है बाहर खड़े ग्राम वासियों ने होस्टल कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही कराने के उद्देश्य से भोजन सामग्री अंदर नही लाने दे रहे थे। सहायक आयुक्त का यह कहना है कि यदि ग्राम वासियों की उक्त बच्चो के प्रति थोड़ी भी संवेदना होती तो खाद्य सामग्रियों को छात्रवास लाने से नहीं रोकते वस्तुतः उनका उद्देश्य मामले को तूल देकर अधीक्षका से पुरानी दुश्मनी निकालना था।