छत्तीसगढ़

महिलाओं की आय बढ़ाने गेरसा गोठान में जल्द शुरू होंगे कई आजीविका गतिविधियां

अम्बिकापुर 6 अप्रैल 2022/ सीतापुर जनपद के गेरसा गोठान में समूह की महिलाओं के आय बढ़ाने शीघ्र कई आजीविकामूलक गतिविधियां शुरू होंगे। इनमे मुर्गी पालन, बटेर पालन, तेल मशीन, कोसा धागाकरण आदि शामिल है। कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा ने बुधवार को गोठान पहुंच दिवस के अवसर पर सीमावर्ती गोठानगेरसा पहुंचे। उन्होंने भरी दोपहरी में बरगद पेड़ में नीचे जमीन पर बैठकर चौपाल लगाई और समूह की महिलाओ, गोठान प्रबंधन समिति में सदस्यां, अधकारी-कर्मचारी और ग्रामीणों के साथ गोठान की बेहतरी के सम्बंध में विस्तार से चर्चा की। इस दौरान गोठान के कार्यों में लापरवाही बरतने के कारण कलेक्टर ने एनआरएलएम के खण्ड कार्यक्रम प्रबन्धक और युवा पेशेवर को कारण बताओ सूचना जारी करने में निर्देश दिए।
कलेक्टर ने मैनी नदी के तट पर जिले के सरहद से लगे गेरसा गोठान में समूह की महिलाआें एवं गोठान प्रबंधन समिति के सदस्यों से चर्चा करते हुए यहां की आवश्यकता को देखते हुए गोठान में आजीविका गतिविधियां की संभावनाएं की जानकारी ली। उन्होंने महिलाओं की मांग पर डोरी, मूंगफली और सरसों तेल पेराई मशीन लगाने, मशरूम उत्पादन तथा कोसा धागाकरण इकाई, स्थापित करने प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने महिलाओं को समझाइश देते हुए कहा कि प्रशासन  आप लोगां को जरूरी प्रशिक्षण से लेकर संसाधन उपलब्ध करा देगा लेकिन गोठान की देखरेख एवं गतिविधियों का बेहतर संचालन आप लोगों को ही करना है। गोठान नदी के किनारे है, पानी की भरपूर सुविधा है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा सब्जी की खेती करें। मौसम के अनुसार कौन सी फसल लेने पर ज्यादा मुनाफा मिलेगा इसको ध्यान में रख कर कार्य योजना बनाएं। उन्होंने महिलाओं की मांग पर ड्रिप सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने उद्यान विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया। कलेक्टर ने कहा कि पशु पालकों की बैठक लेकर ज्यादा से ज्यादा पशु को गोठान में लाने प्रोत्साहित करें। इससे गोबर खरीदी बढ़ेगी। वर्मी खाद बनाने के लिए नियमित रुप से गोबर खरीदी करना जरूरी है। इसके साथ ही बकरी पालन एक लाभदायक व्यवसाय है। बकरियों में नस्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान करायें। पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से जानकारी ले और गोठान या औषधालय में बकरियों का कृत्रिम गर्भाधान करायें।
इसके पूर्व कलेक्टर ने गोठान में निर्मित विभिन्न संरचनाएं तथा लगाए गए फसलों का निरीक्षण किया। उन्होंने गोठान के मुख्य प्रवेश द्वार के पास नेपियर लगाने के स्थल को परिवर्तित करने, डबरी एवं नाद का उपयुक्त तरीके से निर्माण तथा जमीन का समतलीकरण करने के निर्देश दिए। इस दौरान गोठान में बिजली आपूर्ति के लिए नजदीकी ट्रांसफार्मर से बिजली लेने खंबे में के लिए प्रस्ताव तैयार करने कहा। बताया गया कि गेरसा गोठान में अम्बे और अम्बालिका नाम की दो स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा कार्य किया जा रहा है। गोठान शुरू हुए करीब 7 माह हुआ है। अब तक 60 क्विंटल वर्मी खाद का निर्माण कर सहकारी समिति में जमा कराया गया है।
इस दौरान जनपद सीईओ श्री संजय कुमार मरकाम, सरपंच श्रीमती पहाती बाई, गोठान प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री मानसाय सहित अधिकारी, कर्मचारी और ग्रामीण मौजूद थे।

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