छत्तीसगढ़

राज्य में 3 सालों में मक्के का रकबा 13 हजार से बढ़कर एक लाख 46 हजार हेक्टेयर हुआ

मक्का की खेती को लेकर किसानों का बढ़ता रूझान

रबी सीजन में मक्के की खेती के रकबे में लगभग 11 गुना की वृद्धि

रायपुर, 09 अप्रैल 2022/छत्तीसगढ़ के किसान हितैषी नीतियों के चलते राज्य में खेती-किसानी की स्थिति में तेजी से बदलाव दिखायी देने लगा है। राज्य में मक्के की अच्छी कीमत, समर्थन मूल्य पर खरीदी की बेहतर व्यवस्था, कोण्डागांव जिले में मक्का प्रसंस्करण केन्द्र के लिए डिमांड के चलते रबी सीजन में भी मक्के की खेती को लेकर किसानों का रूझान बढ़ा है। बीते तीन सालों में राज्य में रबी सीजन में मक्के की खेती के रकबे में लगभग 11 गुना की वृद्धि हुई है और इसकी खेती का रकबा 13 हजार हेक्टेयर से बढ़कर एक लाख 46 हजार हेक्टेयर के करीब पहुंच गया है। चालू रबी सीजन में अब तक एक लाख 26 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में मक्के की बोनी हो चुकी है, जो कि रबी सीजन 2020-21 में राज्य में 93 हजार हेक्टेयर में हुई मक्के की बोआई से लगभग 33 हजार हेक्टेयर अधिक है।
    गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य में वर्ष 2016-17 तथा वर्ष 2017-18 के रबी सीजन में औसत रूप से 12-13 हजार हेक्टेयर में मक्के की खेती होती थी। धीरे-धीरे किसानों का रूझान मक्के की खेती की ओर बढ़ा और इसका रकबा बीते रबी वर्ष 2020-21 में 93 हजार हेक्टेयर के पार हो गया था। रबी वर्ष 2021-22 में राज्य में एक लाख 46 हजार 130 हेक्टेयर में मक्का बोनी लक्ष्य के विरूद्ध मार्च माह के अंत तक एक लाख 26 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में बोनी पूरी कर ली गई है। 
    राज्य के बस्तर संभाग में खेती के रकबे में लगभग आठ गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। बस्तर संभाग के जिलों में रबी वर्ष 2017-18 में औसत रूप से 10 हजार हेक्टेयर में मक्के की बोनी होती थी, अब यह रकबा बढ़कर 78 हजार के पार पहुंच गया है। कोण्डागांव जिले में सर्वाधिक 45 हजार 750 हेक्टेयर में मक्के की बोनी हुई है। कांकेर जिले में चालू रबी सीजन में 28 हजार हेक्टेयर बोआई के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 21 हजार 690 हेक्टेयर में मक्का बोया जा चुका है। चालू रबी सीजन में रायपुर संभाग के गरियाबंद जिले में सर्वाधिक 11 हजार हेक्टेयर में बोनी के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक लगभग 8 हजार हेक्टेयर में मक्का की बोनी हो गई है। 

दुर्ग संभाग अंतर्गत बालोद, बेमेतरा, दुर्ग, राजनांदगांव और कबीरधाम जिलों में इस साल 8780 हेक्टेयर के लक्ष्य के विरूद्ध 9000 हेक्टेयर से अधिक में बोनी मक्के की खेती की ओर वनांचल के साथ-साथ मैदानी ईलाकों के किसानों के बढ़ते रूझान का प्रतीक है। यहां यह बताना जरूरी है कि दुर्ग संभाग के उक्त पंाचों जिलों में रबी सीजन 2020-21 में मात्र 3590 हेक्टेयर में ही मक्के की खेती हुई थी। इस साल 9170 हेक्टेयर में मक्के की बोनी होना मक्के के रकबे में ढाई गुना से अधिक की वृद्धि दर्शाता है। बिलासपुर संभाग में इस साल 19620 हेक्टेयर में मक्का बोआई के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 13 हजार से अधिक रकबे में बोआई हो चुकी है, जो बीते रबी सीजन में 12660 हेक्टेयर में मक्का बोनी से अधिक है। सरगुजा संभाग के जिलों में 10690 हेक्टेयर के विरूद्ध अब तक 5600 हेक्टेयर तथा बस्तर संभाग के जिलों में 85800 हेक्टेयर के विरूद्ध 78620 हेक्टेयर में मक्के की बोनी हो चुकी है।

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