रायगढ़, अप्रैल 2022/ शासन की राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अन्तर्गत धान के बदले अन्य फसलो को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। यह योजना किसानों के लिए भी काफी फायदेमंद साबित हो रही है। जिसके कारण अब किसान केवल धान की फसल न लेकर अन्य फसलों को भी प्राथमिकता दे रहे है, इसका एक मुख्य कारण है कि अन्य फसलों के लिए शासन से मिलने वाली आदान राशि किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है, जिसके कारण अब किसान फसल विविधिकरण के लिए प्रोत्साहित हो रहे है।
विकासखंड बरमकेला के ग्राम चांटीपाली के देवेन्द्र कुमार साहू बहुत पहले से धान के फसल ही ले रहे। जिससे समर्थन मूल्य में धान विक्रय का फायदा तो मिला लेकिन श्री साहू अधिक लाभ कमाना चाहते थे। उन्होंने खरीफ 2020 में भी धान की खेती किए। इस दौरान कृषि विभाग के मार्गदर्शन से खरीफ 2021 में श्री साहू को धान के बदले अन्य फसल लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। जिसके पश्चात उन्होंने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अन्तर्गत धान के बदले लगभग 3 एकड़ में बैंगन की खेती की। उन्होंने बताया कि धान की खेती में अधिक पानी, खाद एवं कीटनाशक की आवश्यकता होती थी, लेकिन बैंगन की खेती में कम लागत, कम पानी में अधिक लाभ प्राप्त हुआ। धान की खेती में 3 एकड़ में लगभग कुल 52 हजार रूपए काश्त लागत हुआ एवं शुद्ध लाभ 60 हजार 500 रूपए प्राप्त हुआ। जबकि बैंगन की खेती से 1 लाख 25 हजार रूपए कुल काश्त लागत हुआ। जिसमें 3 लाख 75 हजार रूपए का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ। इसके अलावा शासन द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजनांतर्गत 30 हजार रूपए का अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी प्राप्त होगा।
श्री साहू कहते है फसल विविधिकरण से उन्हे शासन की योजना का लाभ मिला तथा स्थानीय मांग को पूरा कर अच्छा लाभ प्राप्त हुआ। वर्तमान में श्री साहू कृषि से संबंधित शासन की योजनाओं की जानकारी रखने लगे है। जिससे उन योजनाओं के लाभ से कृषि के क्षेत्र में नवाचार कर लाभ कमा सके। कृषि के लाभ से श्री साहू की आर्थिक स्थिति काफी सुदृढ़ हो चुकी है। वहीं अन्य स्थानीय किसान भी श्री साहू की सफलता से फसल विविधिकरण के लिए प्रोत्साहित हो रहे है।