धमतरी 21 अप्रैल 2022/ वर्तमान में कोविड 19 संक्रमण से लोगों के बचाव के लिए सभी शासकीय अमला, विशेषकर स्वास्थ्यकर्मी पूरी लगन से अपने दायित्वों के निर्वहन में जुटे हैं और यह कार्य प्राथमिकता का है। ऐसे मंे वर्तमान में भीषण गर्मी के चलते लू (तापघात) लग जाने से प्रभावितों के अस्पताल में जाने से स्वास्थ्य सेवा पर अतिरिक्त दबाव आएगा तथा कोविड संक्रमण बचाव कार्य प्रभावित होगा। इस संबंध में आयुक्त सह सचिव, राजस्व आपदा एवं प्रबंधन विभाग ने सभी जिले के कलेक्टरों को पत्र लिखकर लू प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश जारी विभिन्न विभागों को सुझाव दिए गए हैं।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग से जारी पत्र के हवाले से कलेक्टर श्री पी.एस. एल्मा ने ‘लू‘ प्रबंधन कार्य से संबंधित सभी विभाग तथा जिला प्राधिकरण को यह सुझाव दिया है कि मई-जून के बीच संभावित लू के प्रकोप को गंभीरता से लेते हुए इससे होने वाली क्षति को कम करने के लिए विभागीय स्तर पर कदम उठाए जाएं। इसके तहत कोविड संक्रमण के नियंत्रण के लिए लोगों को दी जाने वाली जानकारी के साथ ही लू से बचाव की जानकारी भी दी जाए। कोविड संक्रमण के नियंत्रण में संलग्न सभी शासकीय तथा गैर शासकीय अमले पर लू के प्रभाव को न्यूनतम करने के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जाएं। उन्हें दिए जाने वाले किट में ओआरएस, ग्लूकोस तथा लू से बचाव हेतु अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जाए। कलेक्टर ने बताया, पत्र मंे उल्लेख किया गया है कि भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा प्रतिदिन जारी की जाने वाली चेतावनी को स्थानीय स्तर पर प्रचार की व्यवस्था की जाए। लोगों द्वारा लू से बचाव के लिए अपनाई जाने वाली सावधानियों से संबंधित सुझाव का प्रचार-प्रसार होर्डिंग तथा मीडिया के अन्य साधनों से करने की व्यवस्था की जाए। इस कार्य में स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग लिए जाने का भी सुझाव दिया गया है।
लू से लोगों को बचाव के लिए संबंधित विभाग, स्वयंसेवी संगठन, व्यापारिक/औद्योगिक संगठनों इत्यादि के समन्वय से स्थानीय स्तर पर योजना तैयार की जाए। जिले के सभी बॉर्डर पॉइंट पर लू से बचाव के लिए पर्याप्त छायादार स्थल जैसे शेड की व्यवस्था की जाए, ताकि लोग इन स्थलों पर लू से अपना बचाव कर पाएं। इन स्थलों पर शीतल जल की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। प्राथमिक उपचार के लिए फर्स्ट एड बॉक्स भी रखा जाए तथा इसके उपयोग से संबंधित आवश्यक निर्देश लिए जाएं और ओआरएस, ग्लूकोस तथा लू से बचाव के लिए अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जाए।
पत्र में नगरीय प्रशासन विभाग को परामर्श दिया गया है कि सार्वजनिक स्थलों जैसे बाजार, प्रमुख कार्यालय इत्यादि में लू से बचाव के लिए पर्याप्त छायादार स्थल शेड की व्यवस्था की जाए, ताकि लोग इन स्थलों पर लू से अपना बचाव कर पाएं। आवश्यकतानुसार इन स्थलों को शीतल रखने की व्यवस्था भी की जाए। इन चिन्हित स्थलों पर लू से बचाव के लिए प्राथमिक उपचार हेतु फर्स्ट एड बॉक्स भी रखा जाए तथा इसके उपयोग से संबंधित आवश्यक निर्देश लिखे जाएं। स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों से विचार-विमर्श कर आवश्यकतानुसार इन स्थलों पर वॉलिंटियर की तैनाती भी की जा सकती है, जो आपात स्थिति में प्राथमिक उपचार करने में सक्षम हो। इन चिन्हित स्थलों पर शीतल जल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि पेयजल स्त्रो में पीने हेतु पर्याप्त जल उपलब्ध हो। इस कार्य की निगरानी के लिए नगर निगम/ नगर पंचायत के कर्मियों की क्षेत्रवार जिम्मेदारी निर्धारित की जाए। इन चिन्हित स्थलों पर लू से बचाव से संबंधित लोगों के लिए आवश्यक निर्देश/सुझाव के बैनर लगाए जाएं।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को सुझाव दिया गया है कि मनरेगा श्रमिकों पर लू के प्रभाव को न्यूनतम करने हेतु सभी प्रयास किए जाएं तथा कार्यस्थल पर छाया और शीतल जल सुनिश्चित किया जाए। पंचायत भवनों में लू से बचाव के उपायों संबंधी प्रचार-प्रसार किया जाए। लू से प्रभावित होने पर प्राथमिक उपचार के लिए प्राथमिक उपचार पेटी की पर्याप्त संख्या तथा पंचायत भवन में इसकी उचित स्थान पर उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। श्रमिकों को लू से बचाव संबंधी आवश्यक जानकारी दी जाए।
इसी तरह स्वास्थ्य विभाग से कहा गया है कि सभी शासकीय अस्पतालों में लू से बचाव के इलाज हेतु विशिष्ट कार्य योजना बनाने के लिए आवश्यक निर्देश जारी की जाए तथा रैपिड मेडिकल टीम का गठन करने कहा गया है। इससे बचाव हेतु लोगों द्वारा अपनाए जाने वाले उपाय से संबंधित सुझाव को जिले के सभी अस्पतालों के बाहर लिखा जाए। पीड़ित मरीजों की चिकित्सा के लिए आवश्यक दवाइयां, भंडार इत्यादि की उपलब्धता सभी शासकीय अस्पताल और ग्रामीण क्षेत्र में आशा कार्यकर्ता के पास सुनिश्चित किया जाए। विशेषकर ओआरएस घोल, लू से उपचार के लिए अन्य दवाइयां इत्यादि का पर्याप्त भंडारण रखने के निर्देश दिया जाए। लू से प्रभावित मरीजों की संख्या बढ़ने की स्थिति में अतिरिक्त अमले की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही उनकर चिकित्सा हेतु जिला चिकित्सालय तथा सिविल अस्पताल में अलग चिकित्सा वार्ड की व्यवस्था की जाए। बहुउद्देशीय कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ताओं तथा आशा पर्यवेक्षक को स्थानीय स्तर पर लू से ग्रसित मरीजों की जानकारी प्राप्त करने, उनके समुचित इलाज को सुनिश्चित करने तथा इसकी जानकारी खंड चिकित्सा अधिकारी को प्रदान करने के निर्देश दिया जाए। सार्वजनिक स्थलों पर एम्बुलेंस/108 को विशेषकर देापहर में तैयारी की स्थिति में रखा जाए, ताकि किसी व्यक्ति को लू लगने पर उसे तत्काल चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जा सके।
वन विभाग से अपेक्षा की गई है कि वनों के अंदर हीट हॉटस्पॉट को चिन्हित किया जाए तथा इन स्थलों के समीप पशु पक्षियों के लिए पर्याप्त जल की व्यवस्था की जाए। सार्वजनिक स्थलों में पर्याप्त वृक्षारोपण की जाए तथा वन अग्नि को रोकने हेतु लगातार निगरानी सुनिश्चित की जाए। श्रम विभाग से कहा गया है कि औद्योगिक एवं अन्य क्षेत्र में कामगारों को लू से बचाव संबंधी आवश्यक जानकारी उपलब्ध की जाए तथा उनके नियमित स्वास्थ्य परीक्षा की व्यवस्था की जाए। उद्योगों और अन्य क्षेत्र के प्रबंधकों को श्रमिकों पर लू के प्रभाव को न्यूनतम करने हेतु सभी प्रयास करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किया जाए। खेत, बाजार, उद्योग और भवन निर्माण में कार्यरत श्रमिकों के कार्यस्थल पर शीतल जल, आइस पैक और आपात स्थिति के लिए पर्याप्त शेड सुनिश्चत करने निर्देश दिए जाएं।
स्कूल शिक्षा विभाग को सुझाव दिया गया है कि शैक्षणिक संस्थाओं में छायादार स्थानों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए तथा क्लास रूम को शीतल रखने की व्यवस्था की जाए। लू से प्रभावित होने पर प्राथमिक उपचार हेतु प्राथमिक उपचार बॉक्स की पर्याप्त संख्या तथा स्कूल में इसके उचित स्थान पर उपलब्धता सुनिश्ति की जाए। शीतल पेयजल की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। पेयजल स्त्रोत के आसपास सफाई एवं स्वच्छता सुनिश्चित की जाए। जिले के सभी प्रमुख आपातकालीन सेवा प्रदान करने वाले संस्था/विभागों का संपर्क नंबर का विवरण स्कूलों में रखने की व्यवस्था की जाए। गंभीर रूप से लू से प्रभावित होने वाले विद्यार्थियों को अस्पताल पहुंचाने के लिए वाहन की व्यवस्था तथा इस कार्य हेतु स्कूल के जिम्मेदार शिक्षक का नामांकन किया जाए। शैक्षणिक संस्थाओं में विद्यार्थियों हेतु लू से बचाव संबंधी आवश्यक निर्देश/सुझाव के बैनर लगाए जाएं।
समाज कल्याण विभाग से कहा गया है कि ऐसे स्थल चिन्हांकित किया जाए, जहां बेघर एवं शारीरिक रूप से कमजोर एवं निःशक्तजन अधिक संख्या में रहते हो तथा उन जगहों पर शीतल जल और छाया की व्यवस्था की जाए। ऐसे लोगों को लू से प्रभावित होने की स्थिति में तत्काल अस्पताल पहुंचाने हेतु आवश्यक व्यवस्था की जाए। पर्यटन विभाग से अपेक्षा की गई है कि पर्यटकों हेतु लू संबंधी चेतावनी जारी करने की व्यवस्था की जाए। सभी दर्शनीय एवं धार्मिक स्थलों में पर्याप्त छाया तथा शीतल जल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
इसी तरह परिवहन विभाग को सलाह दी गई है कि बस स्टैण्ड इत्यादि सार्वजनिक वाहन स्थलों पर फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था, पर्याप्त छाया की व्यवस्था तथा शीतल जल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पशुपालन विभाग से कहा गया है कि पशुओं को लू से बचाव हेतु विभागीय योजना बनाई जाए तथा गौपालकों/पशुपालकों को पशुओं को लू से बचाव संबंधी जानकारी प्रदान करने हेतु जनजागृति कार्यक्रमों का आयोजन करने हेतु मैदानी स्तर के कर्मचारियों को निर्देशित किया जाए। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से अपेक्षा की गई है कि जिले में लू की स्थिति में निगरानी हेतु डैश बोर्ड/इंटरफेस तैयार की जाए तथा इससे लू संबंधी चेतावनी भेजने की व्यवस्था की जाए।