स्वास्थ्य विभाग समेत अन्य विभागों को ठोस उपाय अपनाने कहा
मनरेगा श्रमिकों पर लू के प्रभाव को कम करने हेतु कार्यस्थल पर छाया और शीतल जल सुनिश्चित करने के निर्देश
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद विभिन्न विभागों ने जारी किए दिशा-निर्देश
रायपुर. 21 अप्रैल 2022/ छत्तीसगढ़ में बढ़ती गर्मी के बीच लू जैसी गर्म हवाएं चलने लगी हैं। मौसम विभाग ने भी आगामी 24 घंटे के लिए भीषण ग्रीष्म लहर चलने की चेतावनी जारी की है। ऐसे में संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने लू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग समेत विभिन्न विभागों को आवश्यक उपाय अपनाने के लिए निर्देश दिए हैं। उन्होंने ग्रीष्म लहर से नागरिकों को बचाने के लिए सभी आवश्यक प्रयास करने को कहा है।
निर्देश दिए गए हैं कि मनरेगा श्रमिकों पर लू के प्रभाव को कम करने हेतु समस्त प्रयास किये जायें साथ ही कार्यस्थल पर छाया और शीतल जल सुनिश्चित किया जाए । पंचायत भवनों में भी लू से बचने सम्बंधी प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं ।
वहीं सार्वजनिक स्थानों पर छायादार शेड, शीतल पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर तत्काल सक्रियता दिखाते हुए आज शाम तक राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग समेत विभिन्न विभागों ने मातहत कार्यालयों के लिए दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने मौसम विभाग की चेतावनी और प्रदेश में बढ़ती गर्मी को देखते हुए लू को लेकर चिंता जताई है। ऐसी स्थिति में जनसामान्य के स्वास्थ्य पर लू के प्रभाव को देखते हुए लू से बचाव के आवश्यक उपाय करने के लिए कहा गया है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार विभिन्न विभागों ने मातहत विभागों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक मौसम विभाग की ओर से जारी की जाने वाली बुलेटिन को प्रतिदिन समाचार-पत्रों, टीवी न्यूज चैनलों एवं अन्य संचार माध्यमों से लोगों तक पहुंचाने के लिए कहा गया है। वहीं सावधानियों से संबंधित प्रचार-प्रसार होर्डिंग व अन्य माध्यमों से करने के लिए निर्देशित किया गया है। सभी सार्वजनिक स्थलों पर छायादार शेड, शीतल पेयजल की व्यवस्था, ओ.आर.एस. व ग्लूकोस की व्यवस्था, फर्स्ट एड बॉक्स (प्राथमिक चिकित्सा उपकरण) की उपलब्धता, आवश्यक दवाइयों का भंडार, वॉलेंटियर की तैनाती आदि के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
वहीं वन्य जीवों, पशु-पक्षियों के लिए भी पीने के पानी की व्यवस्था, वन-अग्नि को रोकने के लिए आवश्यक उपाय, सार्वजनिक स्थलों पर वृक्षारोपण एवं पशुपालकों को लू के प्रभाव से बचाने जनजारूकता कार्यक्रम चलाने के लिए निर्देशित किया गया है।
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