छत्तीसगढ़

पालतू जानवरों को ‘लू‘ से बचाने पशु चिकित्सा विभाग ने दी समसामयिक सलाह

धमतरी , अप्रैल 2022/ गर्मी के मौसम में गर्म हवा और बढ़ते हुए तापमान से जानवरों को ‘लू‘ (हिटस्ट्रोक) लगनें एवं डिहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी) का खतरा बढ़ जाता हैं। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. एमएस ने पशु पक्षियों को लू से बचाने हेतु पशुपालकों के साथ सहज उपाय करने की सलाह जिले के पशुपालकों को दी है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान मौसम में नमी और ठंडक की कमी होने के कारण पशुओं के स्वास्थ्य में प्रभाव पड़ता है, जिसके चलते ‘लू‘ लगने से पशु को तेज बुखार आ जाता है और बेचैनी बढ़ जाती है। आहार लेने में अरुचि, हांफना, नाक से खून आना, मुँह से लार टपकना, तेज सांस लेना तथा सुस्त होकर खाना-पानी बंद कर देना जैसे प्रमुख लक्षण परिलक्षित होते हैं। नवजात, बीमार, अधिक वजनी तथा गहरे रंग के पशु-पक्षी में ‘लू‘ लगने की आशंका अधिक होती है, अतः ऐसे पशुओं का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्हांेने आगे बताया कि पशुओं के खान-पान का खयाल रखकर तथा सामान्य प्रबंधन से उन्हें लू के प्रकोप से बचाया जा सकता हैं। उप संचालक ने समसामयिक सलाह देते हुए बताया कि अपने पशुओं को ठंडे एवं छायादार स्थान पर रखंे, उन्हें खुला ना छोडे़ं एवं दोपहर 12ः00 बजे से शाम 4ः00 बजे तक पशुओं से कोई भी कार्य न लेें तथा उन्हें विश्राम करने दें। पशु शेड में पर्याप्त मात्रा में पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसी तरह अपने पालतू कुत्तों को प्रातःकाल अथवा शाम को ही घुमाने लेकर जाएं। ‘लू‘ के लक्षण दिखने पर तत्काल अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय अथवा औषधालय से संपर्क करें। इसके अलावा उन्होंने लावारिस पशुओं तथा पक्षियों के लिए यथासंभव घर के बाहर तथा छत पर पर पानी, खाने की व्यवस्था करने की भी अपील आमजनता से की है।

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