छत्तीसगढ़

विश्व मलेरिया दिवस पर जिला स्तरीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

कुशल प्रबंधन और स्वच्छता से पाया जा सकता है मलेरिया पर काबू: 

रायपुर 25 अप्रैल 2022। विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मीरा बघेल द्वारा की गई।

इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मीरा बघेल ने कहा: ‘’कुशल प्रबंधन और स्वच्छता से ही मलेरिया पर काबू पाया जा सकता है। उपचार से पहले बचाव है, मलेरिया से बचने के लिए शरीर के अंगों को ढककर रखें। पूरी आस्तीन के कपड़े पहने, रात्रि विश्राम करते समय मच्छरदानी का शत-प्रतिशत उपयोग करें मच्छरों के पैदा होने वाले स्थानों पर सप्ताह में एक बार, जरूर वार करें। इसके अतिरिक्त कहीं भी पानी जमा ना  होने दें। घर के छत पर अनावश्यक रूप से ऐसे सामान न रखें जिस में बारिश का पानी जमा हो। सप्ताह में एक दिन फ्रिज, कूलर, फूलदान का पानी हटा कर सुखा लें। खुद भी जागरूक बने और लोगों को भी जागरूक करें । बुखार आने पर तुरंत रक्त की जांच भी कराना चाहिए। मलेरिया की जांच सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों और मितानीन एवं एएनएम कार्यकर्ताओं के पास नि:शुल्क उपलब्ध है।‘’

वहीं इस मौके पर डॉ.विमल राय ने बताया: ‘’मलेरिया एक संचारी रोग है। यह संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में मच्छर के द्वारा ही फैलता है। जिले में दो प्रकार के मलेरिया परजीवी पाये गए है। प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम,और प्लास्मोडियम विवैक्स, जिसमें प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम अधिक घातक होता है। मलेरिया रोगियों की त्वरित जांच और उपचार के लिये मलेरिया जांच के लिए आरडी किट और एन्टी मलेरियल्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए संबंधितों को निर्देश है। इसके अतिरिक्त मलेरिया सर्विलेंस का कार्य लक्ष्य के अनुसार करने के लिए भी निर्देशित किया गया। घरों के आसपास पानी जमा न होने दें। पानी की निकासी संभव नहीं होने पर सप्ताह में एक बार जला हुआ इंजन ऑयल अथवा कैरोसीन की इतनी मात्रा डालें कि पानी के ऊपर एक परत बन जाए। परिवारों का कलस्टर बना कर चौपालों के माध्यम से घर-घर विजिट कर जन-जागरूकता लाए जाने के लिये कार्य किया जा रहे है।”

कार्यशाला के अवसर पर मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम, के जिला नोडल अधिकारी डॉ.विमल किशोर राय, एंटोमोलॉजिस्ट कुमार सिंह, जिला सलाहकार एनव्हीबीडीसीपी, समस्त जिला मलेरिया कार्यालय के कर्मचारी एवं शहरी क्षेत्र की एएनएम उपस्थित रहीं ।

मलेरिया के लक्षण

ठंड और कंपकंपी के साथ बुखार आना, उल्टी होना या उल्टी जैसा लगना, शरीर में ऐंठन, दर्द, सिर दर्द, चक्कर आना प्रमुख लक्षण है।

मलेरिया बचाव और उपचार

मच्छरों को पनपने ना दे। मलेरिया के मच्छर अधिकतर शाम या रात को काटते है। उन कपड़ों का उपयोग करे जो शरीर के अधिकांश हिस्से को ढक सके। आसपास बारिश का पानी, गंदे पानी को जमा ना होने दे। इसमें मलेरिया के जीवाणु पैदा होने का खतरा अधिक रहता है। नजदीकी शासकीय चिकित्सालय में इलाज के लिए अनेक प्रकार की निशुल्क दवाइयां उपलब्ध है । किसी भी प्रकार की शंका होने पर तुरंत जांच करवाना चाहिए ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *