राजनांदगांव , अप्रैल 2022। संभागायुक्त श्री महादेव कावरे ने विगत दिनों राजनांदगांव जिले के अनुविभागीय अधिकारी गण्डई-छुईखदान, कार्यालय तहसीलदार छुईखदान का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान श्री कावरे द्वारा कार्यालय के समस्त शाखाओं का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान समस्त शाखाओं के कर्मचारियों के टेबल पर नेम प्लेट अवश्य रखे जाने के निर्देश दिए। श्री कावरे द्वारा तहसील कार्यालय स्थित लोक सेवा केन्द्र का भी निरीक्षण किया गया एवं समस्त आवेदनों को समय सीमा के भीतर कार्रवाही किए जाने के निर्देश अनुविभागीय अधिकारी गण्डई-छुईखदान श्री सुनील कुमार शर्मा को दिए गए।
न्यायालयीन प्रकरणों के निराकरण में लाए तेजी-
निरीक्षण के दौरान संभागायुक्त दुर्ग संभाग द्वारा न्यायालय तहसीलदार छुईखदान के न्यायालयीन प्रकरणों का अवलोकन किया गया। जहां 141 प्रकरण लंबित पाए गए, जिनमें 30 प्रकरण 2 से अधिक लंबित पाए जाने पर संभागायुक्त द्वारा कड़ी नाराजगी व्यवक्त की गई तथा त्वरित सुनवाई कर आदेश पारित करने के निर्देश श्रीमती मोक्षदा देवांगन, तहसीलदार छुईखदान को दिए गए एवं न्यायालय नायब तहसीलदार के न्यायालय में कुल 144 प्रकरण लंबित पाए गए। जिनमें से दो वर्ष से अधिक 23 प्रकरण लंबित पाए गए। जिस पर श्री कावरे द्वारा तहसीलदार छुईखदान को अविलंब कार्रवाही किए जाने के निर्देश दिए गए।
तहसीलदार एवं उपपंजीयक को थमाया कारण बताओ नोटिस-
कार्यालय तहसीलदार में पंजियों के नियमित संधारण नहीं पाए जाने पर तहसीलदार श्रीमती मोक्षदा देवांगन एवं उपपंजीयक छुईखदान में संधारित पंजियों की जाँच के दौरान पंजी संधारण एवं अद्यतन नहीं पाए जाने पर उपपंजीयक श्रीमती पारूल अवस्थी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
आम जनता एवं अधिवक्ताओं से चर्चा-
निरीक्षण के दौरान आम जनता से चर्चा के दौरान ग्राम पंचायत बोरई के आवेदक श्री छबिलाल द्वारा बटवारा का प्रकरण लंबित होना बताया गया एवं आवेदक द्वारा अवगत कराया गया कि प्रत्येक 15 दिवस के अंतराल में सुनवाई की जा रही है। जिसमें त्वरित निराकरण तहसीलदार मोहला को निर्देशित किया गया।
कार्यालय तहसीलदार छुईखदान में अधिवक्ता श्री गजेन्द्र ठाकरे, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ एवं श्री सौरभ श्रीवास्तव, श्री सतीश संघानिया, श्री मोतीलाल जंघेल, श्री रवि केसरिया, श्री संदीप जैन, कुमारी प्रतिमा महोबिया, कुमारी गीता टांडेकर से न्यायालयीन प्रक्रियाओं के संबंध में चर्चा की गई। जिस दौरान सभी सदस्यों द्वारा न्यायालयीन प्रक्रियाओं में संतुष्टता व्यक्त की गई।