छत्तीसगढ़

पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत बनाने वित्त आयोग के अध्यक्ष ने की पंचायत प्रतिनिधियों से चर्चा

बिलासपुर 28 अप्रैल 2022/छत्तीसगढ़ राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री सरजियस मिंज एवं राज्य वित्त आयोग के अधिकारियों ने आज मंथन सभाकक्ष में जिले के पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। इस दौरान वर्ष 2025-30 में राज्य वित्त आयोग की अनुशंसाओं को लागू करने के लिए पंचायती राज संस्थाओं की आर्थिक स्थिति एवं निकायों की आय बढ़ाने के स्त्रोतों पर सुझाव प्रतिनिधियों से लिए गए।
बैठक में राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री सरजियस मिंज ने राज्य वित्त आयोग की कार्यप्रणाली एवं परिचर्चा के उद्देश्यों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश की प्रजातांत्रिक व्यवस्था में पंचायती राज संस्थाओं को आर्थिक एवं संगठनात्मक रूप से मजबूत बनाने राज्य शासन को सुझाव देने के लिए पंचायती राज प्रतिनिधियों से परिचर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप राज्य में प्रजातांत्रिक संस्थाएं मजबूत बन सके इसके लिए राज्य वित्त आयोग के द्वारा पंचायत एवं नगरीय निकायों के साथ बैठक आयोजित कर उनसे सुझाव लिए जा रहे है। जिससे इन संस्थाओं के वित्तीय प्रबंधन को बेहतर बनाया जा सके। संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग ने निकायों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए सुझाव दिया कि पंचायतों द्वारा कर की वसूली नियमानुसार और नियमित होनी चाहिए। कर वसूली में स्व सहायता समूहों को शामिल किया जा सकता है। उन्होंने सभी प्रतिनिधियों को इस विषय पर अपने विचार साझा करने कहा ताकि बेहतर सुझाव आए। कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की अवधारणा थी। वे पंचायतों को सशक्त बनाना चाहते थे। कलेक्टर ने कहा कि किसी भी संस्था को चलाने में वित्तीय प्रबंधन सबसे महत्वपूर्ण है। ग्राम पंचायतों में आय के स्त्रोत बढ़ने से निश्चित रूप से वे सशक्त होंगे। शासन द्वारा गांव में मूलभूत चीजें उपलब्ध करा दी जा रही है। इसके अलावा पंचायतों को वित्तीय रूप से मजबूत बनाने के लिए हमें नए उपाय सोचने होंगे। उन्होंने कहा कि इस परिचर्चा के माध्यम से आप लोगों को महत्वपूर्ण मंच मिला है, जहां आप अपने महत्वपूर्ण सुझाव दे सकते हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अरूण सिंह चौहान ने पंचायती राज को सशक्त बनाने के लिए और वित्तीय रूप से मजबूत करने के लिए सुझाव दिए। उन्होंने सुझाव दिया कि ग्राम पंचायतों में पर्यटक स्थल विकसित किए जा सकते है। पंचायतों में सामुदायिक भवनों एवं अन्य भवनों को पर्यटकों के विश्राम के लिए उपयोग किया जा सकता है। इससे पंचायतों की आय भी बढ़ेगी। इसके अलावा जिला पंचायत, जनपद पंचायत के सदस्यों एवं ग्राम पंचायतों के सदस्यों ने अपने-अपने सुझाव दिए।
बैठक में श्री मिंज ने जिले के पंचायत प्रतिनिधियों की बेहतर सहभागिता पर प्रसन्नता व्यक्त की। आयोग के सदस्य सचिव श्री सतीश पाण्डेय ने आयोग के कार्याें एवं उद्ेदश्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हरीस एस, वित्त आयोग के संयुक्त सचिव डॉ. जे.एस. विरदी, अनुसंधान अधिकारी सुश्री पायल गुप्ता सहित जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के सदस्यगण, ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *