मुंगेली , मई 2022// मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की उपस्थिति में आज अक्षय तृतीया (अक्ती) को जिले के गौठानों और पंचायतों में माटी पूजन दिवस के रूप में मनाया गया। माटी पूजन दिवस का जिला स्तरीय मुख्य कार्यक्रम बी.आर.एस.एम. कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रोद्योगिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, कृषि विज्ञान केन्द्र चातरखार में आयोजित किया गया। मुुंगेली विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती लेखनी सोनू चंद्राकर, जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्री संजीत बनर्जी, कलेक्टर डाॅ. गौरव कुमार सिंह, जिला पंचायत में कृषि स्थायी समिति के सभापति श्रीमती भारती लोेकनाथ साहू, प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी एवं मुंगेली अनुविभाग के अनुविभागीय अधिकारी श्री अमित कुमार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री डी. एस. राजपूत ने आगामी खरीफ फसल हेतु प्रतीक स्वरूप भूमि में धान की बीज छिड़क कर माटी पूजन दिवस का शुभारंभ किया। जहां परंपरागत खेती से धरती को बचाने का संकल्प लिया गया।
विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले ने लोगों को माटी पूजन दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने तुकबंदी के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन किया और किसानों को परंपरागत खेती को बढ़ावा दिए जाने और अपने समृद्ध संस्कृति एवं परंपरा की ओर लौटने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन किया और लोगों को भावी पीढ़ी के लिए साफ पानी, शुद्ध हवा और उपजाऊ मिट्टी बचाने की शपथ दिलाई। जिला पंचायत के अध्यक्ष श्रीमती लेखनी सोनू चंद्राकर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री बघेल की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ की संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए माटी पूजन दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री सहित किसानों को अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर उन्होंने शुभ कार्यों और उन्नत खेती किसानी के लिए अक्ती त्यौहार के महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम को कलेक्टर डाॅ. गौरव कुमार सिंह ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति को सहेजने और प्रोत्साहित करने तथा प्रदेश की सुख-समृद्धि के लिए अक्षय तृतीया को मिट्टी पूजन दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया है जो ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि 365 दिनों में अक्षय तृतीया का दिन एक ऐसा दिन है जो सभी कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। उन्होंने कहा कि अक्ती त्यौहार एक ऐसा त्यौहार है जो केवल त्यौहार ही नहीं बल्कि यह छत्तीसगढ़ की संस्कृति में रचा-बसा दिन है। उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरकों से होने वाले हानि को देखते हुए किसान अब धीरे-धीरे जैविक उर्वरक की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने माटी पूजन के माध्यम से मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बनाए रखने का संदेश दिया है। कार्यक्रम को जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्री संजीत बनर्जी ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री बघेल की सभी योजनाओं से किसानों में खुशहाली आई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री बघेल की मंशा के अनुरूप अक्ती त्यौहार को अब शासन-प्रशासन स्तर पर मनाया जा रहा है। जो अक्ती त्यौहार की महत्ता को दर्शाता है। कार्यक्रम को बी. आर. एस. एम. कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डाॅ. ए. के. साहू ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कृषकों एवं स्वसहायता समूह की महिलाओं को उन्नत बीज और प्रमाण पत्र प्रदान कर प्रोत्साहित किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से आगंतुको को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र के श्री आर. एल. शर्मा ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर कृषि विभाग के उप संचालक श्री डी. के. व्यौहार, उद्यान विभाग के सहायक संचालक श्री रामवीर सिंह तोमर, पशुपालन विभाग के उपसंचालक डाॅ. ए. के. मरकाम सहित कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक, अधिकारी, कर्मचारी और बड़ी संख्या में कृषकगण उपस्थित थे।