छत्तीसगढ़

ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगेंगे क्लस्टर वार राजस्व शिविर, शहरी क्षेत्रों में निकायवार राजस्व शिविर लगाए जाएंगे

दुर्ग , मई 2022/ ग्रामीण क्षेत्रों में क्लस्टर वार और शहरी क्षेत्रों में निकाय वार राजस्व शिविर लगाये जाएंगे। इस संबंध में निर्देश कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने समीक्षा बैठक में दिये। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि शिविर में आने वाले हर आवेदनों का प्रभावी निराकरण तय समयसीमा पर हो। निकायों में आयुक्त और ग्रामीण क्षेत्रों में एसडीएम इस बात की प्रभावी मानिटरिंग करें। कलेक्टर ने बैठक में पेयजल की स्थिति, खेती किसानी के लिए खाद-बीज का उठाव, स्कूलों में नया सत्र आरंभ करना जैसे विषयों की समीक्षा भी मीटिंग में की। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ श्री अश्विनी देवांगन, अपर कलेक्टर श्रीमती पद्मिनी भोई, डीएफओ श्री शशि कुमार, भिलाई निगम आयुक्त श्री प्रकाश सर्वे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
तीन अन्य जिलों ने भी अपनाया दुर्ग का माडल, वहां भी शनिवार को खुल रहे आधार केंद्र- जनदर्शन में शनिवार को भी आधार केंद्र खुले रहने की माँग को लेकर आये आवेदन के पश्चात कलेक्टर ने निर्णय लिया था कि शनिवार को भी आधार केंद्र खुले रहेंगे। इस निर्णय के पश्चात लोगों को मिल रही राहत की जानकारी भी कलेक्टर ने ली। चिप्स के अधिकारियों ने बताया कि इस शनिवार को तीन सौ लोगों ने आधार केंद्र में पहुंचकर लाभ लिया। उल्लेखनीय है कि दुर्ग जिले में यह सुविधा आरंभ होने के पश्चात अन्य जिले भी इस नवाचार को अपना रहे हैं और तीन अन्य जिलों में शनिवार को आधार सेवा केंद्र खोलना आरंभ करने का निर्णय लिया है।
बुजुर्ग जिनका आधार इनएक्टिव हो गया है अधिकारी चिन्हांकित कर इसे कराएं एक्टिव- कलेक्टर ने कहा कि बुजुर्ग लोगों की पेंशन संबंधी दिक्कतों का निराकरण सबसे अहम है। इसके लिए शिविर लगाने के निर्देश दिये गये हैं। इसमें ऐसे लोगों को चिन्हांकित करने में सुविधा होगी जिन्हें पेंशन मिलने में समस्या आ रही है लेकिन शारीरिक असमर्थता की वजह से अपना आवेदन नहीं दे पाएं हैं। इसके अलावा निकायों में भी ऐसे लोगों को चिन्हांकित करने की कोशिश करें तथा जिनका आधार इनएक्टिव हो गया है। उनके आधार बनाने की कार्रवाई करें।
खाद का अग्रिम उठाव कर लें- कलेक्टर ने कहा कि अगले खरीफ सीजन की तैयारी अभी से आरंभ करना भी जरूरी है। किसानों से खाद आदि का अग्रिम उठाव कर लेने कहा जाए ताकि बियासी के वक्त किसी तरह का दबाव न हो। उन्होंने कहा कि शासन की मंशानुरूप राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से अन्य फसलों का भी प्रचार करना है। इसके लाभों के संबंध में किसानों को जानकारी दी जाए तथा सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं के संबंध में भी बताया जाए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सहकारी बैंक के अधिकारियों की भी भूमिका महत्वपूर्ण है। वे किसानों को दूसरी फसलों से भी होने वाले लाभों के संबंध में परिचित कराएं।

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