छत्तीसगढ़

गौठानो में निर्मित उच्च गुणवत्ता के वर्मी खाद से किसानों को मिल रहा लाभ

अंबिकापुर, मई 2022/ जिले के  गोठानों में निर्मित उच्च गुणवत्ता के वर्मी खाद का उपयोग करने से किसानों को फसल उत्पादन में लाभ मिल रहा है। वर्मी खाद के उपयोग से जिले के किसान जैविक खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं। तकनीकी अधिकारियों एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के द्वारा गुणवत्तायुक्त वर्मी कम्पोस्ट निर्माण हेतु तकनीकी मार्गदर्शन दिया जा रहा है। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों की सतत निगरानी में गौठान से जुड़े स्व सहायता समूहों के द्वारा वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जाता है। तैयार खाद को विकासखंड स्तर के वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी स्वयं संबंधित प्रक्षेत्र या गौठान में जाकर सैंपल संग्रहित कर गुणवत्ता परीक्षण हेतु जिले में स्थापित प्रयोगशाला सहायक मिट्टी परीक्षण अधिकारी गंगापुर, अंबिकापुर द्वारा परीक्षण कर गुणवत्ता परीक्षण परिणाम दिया जाता है। तत्पश्चात वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय किसानों को विभिन्न मध्यम से किया जाता है।
उदयपुर विकासखंड के ग्राम फुनगी निवासी कृषक श्री मंगलराम पैकरा, मुकेश, चंद्र पैकरा तथा ग्राम पुटा के कृषक श्री रामसिंह, तिलकेश्वर यादव, उदय यादव ने बताया कि इस वर्ष ग्रीष्मकालीन मक्का एवं साग सब्जी की खेती में पुटा गोठान में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट खाद का उपयोग किया गया है। फसल का उत्पादन एवं गुणवत्ता अच्छी रही । गोठान में निर्मित खाद की गुणवत्ता उत्तम था। किसी प्रकार की मिलावट नहीं थी। इसी प्रकार गोठान ग्राम पुटा के वर्मी खाद बनाने वाली ज्योति महिला स्व सहायता समूह के द्वारा बताया गया कि अब तक 764 बोरी वर्मी खाद बना चुके हैं। खाद के पैकिंग से पूर्व ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से जिले में स्थित वर्मी कम्पोस्ट परीक्षण प्रयोगशाला में वर्मी कम्पोस्ट का प्रमाणीकरण कराया जाता है। इस गोठान में निर्मित वर्मी खाद निर्धारित मापदण्ड अनुरूप है। उन्होंने बताया कि आसपास के गांव के किसान गोठान से एवं सहकारी समितियों से वर्मी खाद का उठाव कर रहे हैं।

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