जांजगीर चांपा ,जून 2022/ कलेक्टर श्री जितेन्द्र कुमार शुक्ला की अध्यक्षता में आज जिला जल उपयोगिता समिति की कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बैठक हुई। बैठक में किसान हितैषी अनेक निर्णय लिये गये। खरीफ फसल के लिए समिति द्वारा निर्णय लिया गया कि प्रति वर्ष 10 जुलाई से 10 अक्टूबर तक किसानों को खेती के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा। कलेक्टर ने जिले में खाद, बीज के भंडारण एवं वितरण की समीक्षा करते हुए खाद, बीज एवं दवाई की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने खाद की कालाबाजारी, गुणवत्ताविहीन खाद विक्रय पर संबंधित अधिकारियों को छापामार कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
कलेक्टर श्री शुक्ला ने आगामी खरीफ फसल के सिंचाई हेतु समय पर पानी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। बैठक में उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने कहा कि किसान अनावश्यक पानी बर्बाद न करें। वे जल संरक्षण हेतु आवश्यक उपायो को अपनाएं। उन्होंने अंतिम छोर तक के किसानों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने बांधों में उपलब्ध जल भराव की समीक्षा करते हुए जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता को निर्देशित किया कि निर्माणाधीन कार्यों को शीघ्र ही पूर्ण करें। 10 जुलाई से पूर्व क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत सुनिश्चित करा लें। अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने के लिए स्वयं मानीटरिंग करें। कलेक्टर ने उप संचालक कृषि श्री एम आर तिग्गा को निर्देशित किया कि फसलों के उत्पादन बढ़ाने सहित कृषि संबंधी जानकारी के लिए मैदानी स्तर पर अधिकारियों की ड्यूटी लगायें और स्वयं भी निरीक्षण करें।
कलेक्टर के अध्यक्षता में समिति द्वारा निर्णय लिया गया कि 10 जूलाई से 10 अक्टूबर तक खरीफ फसल हेतु और 10 जनवरी से 10 मई तक रबी फसल हेतु केनाल से पानी छोड़ा जाएगा।
कलेक्टर ने अमानक बीज की शिकायत को दूर करने इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने का दायित्व बीज निगम प्रबंधक को सौंपा है। उन्होंने बीज निगम प्रबंधक को निर्देशित कर कहा है कि वे बीज प्रमाणीकरण समिति से समन्वय कर बीज के रखरखाव संबंधी निर्देश दिए। बैठक में समिति के सदस्य प्रगतिशील कृषकों ने अपने सुझाव रखें।
किसानों को पैरा जलाने से रोकें –
कलेक्टर ने बैठक में कहा कि किसान खेतों में पैरा न जलाएं और घर से दूर पैरा का भंडारण सुनिश्चित करें। इसके लिए कृषि अधिकारी किसानों को जागरूक करें। कलेक्टर ने पैरा जलाने से प्रदूषण फैलने और फसल उत्पादन में सहायक बैक्टीरिया के नष्ट होने की बात कहते हुए इस पर रोक लगाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने पैरा को खेतो में जलाने की बजाय बचे हुए पैरा को डी-कम्पोजर विधि से खाद में परिवर्तित कर फसल में इसका उपयोग करने का आग्रह किया है।
उन्होंने धान की फसल के अवशेष पैरा को गौठानों में दान देने के भी अपील की, ताकि गौठानों में आने वाले पशुओं को नियमित रूप से पैरे को आहार के रूप में उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने कहा कि जिन कृषकों के पास उपयोग से अधिक फसल अवशेष जैसे पैरा, भूसा आदि है, उन्हें खेत में जलाने के बजाय निकटतम गौठानों में पशुचारा के लिए उपलब्ध कराने एवं डी-कम्पोजर के घोल का छिड़काव कर कुछ ही दिनों में सुपर कम्पोस्ट खाद बनाकर उपयोग कर सकते हैं। इससे वायु प्रदूषण में रोकथाम के साथ-साथ मिट्टी की उर्वरा शक्ति में सुधार होगा, जो कि पर्यावरण सहित सबके लिए लाभकारी है। उन्होंने जिले में फसल चक्र को बढ़ावा देने, गौठानों में उपलब्ध जैविक खाद का उपयोग फसल उत्पादन में करने की अपील कृषकों से की है।
किसानों को ऋण उपलब्ध कराएं –
कलेक्टर ने सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी को निर्देशित किया कि फसल हेतु ऋण मांगने वाले किसानों को समय पर ऋण देना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने कहा कि बैंक में ऋण लेने आने वाले किसानों को वापिस न लौटाया जाए। बैंक में पैसा निकालने वाले किसानों हेतु पर्याप्त सुविधायें उपलब्ध करायी जाए। उन्हें अनावश्यक लाइन में इंतजार न करना पड़े, इसके लिए टोकन का वितरण किया जाए। कलेक्टर ने किसानों के हर लेन-देन पर पावती/रसीद देने और बैंक नियम के अनुसार आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती यनीता चंद्रा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह, जिला पंचायत सदस्य श्री राजकुमार साहू, सीईओ श्री गजेन्द्र सिंह ठाकुर, अपर कलेक्टर श्री राहुल देव, कार्यपालन अभियंता सिंचाई श्री सराफ, उप संचालक कृषि श्री तिग्गा, सीसीबी के नोडल अधिकारी, बीज निगम प्रबंधक, प्रगतिशील कृषक सर्व श्री दुष्यंत कुमार सिंह, ब्यासनारायण कश्यप, संदीप तिवारी, शिवकुमार तिवारी, मोहन यादव, आदि उपस्थित थे।