जगदलपुर , जून 2022/ मलेरिया को बस्तर का अभिशाप माना जाता था, मगर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मलेरिया उन्मूलन के लिए चलाए जा रहा मलेरियामुक्त बस्तर एक वरदान बना है, जिससे मलेरिया के मामलों में भारी कमी आई है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ आरके चतुर्वेदी ने बताया कि लगभग ढाई साल पहले एक जनवरी 2020 को प्रारंभ हुए इस अभियान के बाद से अब छटवां चरण चल रहा है और प्रत्येक चरण के बाद मलेरिया वार्षिक परजीवी सूचकांक में लगातार कमी देखी जा रही है।
वर्ष 2019 में यह अभियान प्रारंभ करने से पूर्व मलेरिया वार्षिक परजीवी सूचकांक 7.29 था, जो 2021 में घटकर 4.16 हो गया और सकारात्मकता दर 0.27 हो गया। मलेरिया मुक्त अभियान के तहत सघन जांच के कारण गर्भवती महिलाओं में भी मलेरिया के मामलों में भारी कमी आई है। इस अभियान के कारण जिले में 9694 लक्षण रहित मरीजों की पहचान हुई, जिन्हें समय रहते उपचार कर मलेरिया मुक्त किया गया। मलेरिया से बचने के लिए इस दौरान किए गए व्यापक प्रचार-प्रसार तथा लोगों में आई जागरुकता के कारण मच्छरदानी के बढ़ते उपयोग के कारण भी मलेरिया के मामलों में कमी आई है। मलेरिया पर नियंत्रण के लिए जिले के 515 ग्रामों में मलेरिया रोधी दवा का छिड़काव भी किया जा रहा है।