कवर्धा,जून 2022। कार्यालय सहायक संचालक मछलीपालन कबीरधाम से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्षा ऋतु में मछलियों की वंश की वृद्धि (प्रजनन) के दृष्टिकोण से उन्हे संरक्षण देने हेतु राज्य में छ.ग. नदीय मत्स्योद्योग अधिनियम 1972 की धारा-3 उपधारा-2 (दो) के तहत दिनांक 16 जून से 15 अगस्त तक ‘‘बंद ऋतु’’ (क्लोज सीजन) के रूप मे घोषित किया गया है। अतः छ.ग. प्रदेश के समस्त नदियों, नालों तथा छोटी नदियां और उनकी सहायक नदियों में जिन पर िंसंचाई के तालाब तथा जलाशय (छोटे-बडे़) जो भी निर्मित किये गये हैं, या किये जा रहे केज कल्चर के अतिरिक्त सभी प्रकार का मत्स्याखेट 16 जून 2022 से 15 अगस्त 2022 तक पूर्णतः निषिद्ध रहेगा। इन नियमों के उल्लंघन करने पर छ.ग. राज्य मत्स्य क्षेत्र संशोधित अधिनियम 1981 के नियम-3 (5) के अंतर्गत अपराध सिद्ध होने पर एक वर्ष का कारावास अथवा 10 हजार रूपये का जुर्माना अथवा दोनों एक साथ होने का प्रावधान है। यह नियम केवल छोटे तालाब या अन्य स्त्रोत, जिनका कोई संबंध किसी नदी, नाले से नहीं है, इसके अतिरिक्त जलाशयों में किये जा रहे केज कल्चर में लागू नही होंगें।