दिव्यांग जनों को मिल रहा कृत्रिम अंग का सहारा
जीवन के सफर को नई दिशा दे रहा शारीरिक पुनर्वास केन्द्र
दन्तेवाड़ा, जुलाई 2022। दिल मे आगे बढ़ने की चाह हो तो कोई नही रोक सकता। ऐसे ही कई दिव्यांगों के सपनों को पंख दे रही कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण निर्माण केन्द्र। किसी परिवार में एक व्यक्ति कमाने वाला हो और किसी हादसे में वह किसी अंग खो दे तो उस परिवार के लिए काफी जटिल परिस्थितियां आ जाती हैं साथ ही जिन लोगों ने किसी बीमारी के कारण अपने अंगों को खोया है उनके लिए जीवन के सफर में आगे बढ़ना आसान नहीं होता। ऐसे लोगों को दन्तेवाड़ा जिले का कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण निर्माण केन्द्र एक नया जीवन दे रहा है।
जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में जिले में जिला अस्पताल से कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण निर्माण केन्द्र (शारीरिक पुनर्वास केन्द्र) चलाया जा रहा है। जिसमें दिव्यांगजनों को योजनान्तर्गत निःशुल्क कृत्रिम अंग प्रदान किये जाते है। शारीरिक पुनर्वास केंद्र में जिले के साथ अन्य जिलों व अन्य राज्यों से भी लोग पहुंच रहे हैं। विगत 3 वर्षों में लगभग 600 से भी ज्यादा लोगों को कृत्रिम हाथ-पैर तैयार कर लोगों को लाभांवित किया जा चुका है।
ऐसे ही नारायणपुर जिले के ग्राम सुलेंगा धौड़ाई निवासी बताते हैं कि कुछ वर्षों पहले टैक्टर के द्वारा पैर कुचल दिया गया था। जिसके कारण उनका पैर काटना पड़ा। इस दौरान चलने में वो बैसाखी का सहारा लेते थे। लेकिन अब कृत्रिम अंग के लग जाने से काफी राहत मिली है। वो बिना किसी के सहारे खुद के पैरों पर दोबारा चल कर काफी खुश हैं। वे बताते हैं कि 3 सालों तक एक पैर के सहारे ही जिंदगी चल रही थी पर कृत्रिम पैर लग जाने से फिर से दौड़ने की उम्मीद जगी है। साथ ही दैनिक दिनचर्या में करने वाली गतिविधियों में आसानी मिली है।
बचेली निवासी श्री अशोक कुमार बताते है एक दुर्घटना के दौरान उनका बाया हाथ काटना पड़ा था जिससे उन्हें कुछ भी काम करने में परेशानी होती थी। लेकिन अब कृत्रिम हाथ के लगने से जरूरत के काम को करने के साथ-साथ वे उत्साह से स्कूटी चलाकर अपने अन्य काम को करने में उन्हें सरलता हो रही है। जिससे वे काफी खुश है।
जिले के कैलाश नगर की कु. कावेरी विश्वकर्मा जो जन्म से बाये हाथ से दिव्यांग है वे बताती है कि पहले कोई भी काम करने में मुझे बहुत परेशानी होती थी लेकिन जब से कृत्रिम हाथ लगा है उन्हें कोई भी काम हो आसानी से कर लेती है। ऐसे ही उदासी और हताशा के आलम में जीवन गुजार रहे ऐसे लोगों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरने और नई जिंदगी की आस जगाने कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण निर्माण केन्द्र प्रयासरत है।