रायगढ़, जुलाई2022/ कलेक्टर श्रीमती रानू साहू के दिशा-निर्देशन एवं सीएमएचओ डॉ.एस.एन.केशरी के मार्गदर्शन में 19 जुलाई 2022 तक मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान सह सघन टी.बी., मोतियाबिन्द, स्केबीज जांच एवं उपचार अभियान 2022 के तहत चयनित क्षेत्र में धनात्मक पाए गये रोगियों का पूर्ण उपचार किया जा रहा है तथा उन क्षेत्रों में रहने वाले सभी व्यक्तियों के द्वारा मच्छरदानी के नियमित उपयोग तथा मच्छरलार्वा स्त्रोत नियंत्रण गतिविधियों के क्रियान्वयन कर छत्तीसगढ़ राज्य को मलेरिया मुक्त घोषित किये जाने हेतु कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ.टी.जी.कुलवेदी ने बताया कि मलेरिया, टी.बी., स्केबीज के सही समय पर उपचार न होने पर परिवार के अन्य सदस्यों को भी संक्रमण होने की संभावना अधिक रहती है। इस अभियान के तहत सर्वेदल के सदस्यों को जिम्मेदारी दी गई है कि वे घर-घर जाकर चिन्हांकित गावों में संदेहास्पद मलेरिया रोगियों के लिए रक्तपट्टी जांच एवं आर.डी.टेस्ट से जांच करेंगे तथा टी.बी.संदेहास्पद मरीजों की जानकारी एवं स्पॉट बलगम सैम्पल जांच हेतु बलगम कप में संग्रह करेंगे। मोतियाबिन्द एवं स्केबीज संदेहास्पद रोगियों की जांच एवं जानकारी ली जावेगी। कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में डॉ. टी.जी. कुलवेदी से चर्चा की गई तो उन्होंने मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के संबंध में जानकारी दी कि राज्य स्तर से प्राप्त निर्देशानुसार रायगढ़ जिले में केवल 43 हजार 928 जनसंख्या को इस अभियान के तहत शामिल किया गया है। जहंा 0.5 प्रतिशत से अधिक जंाच सकारात्मक दर पाये गये ग्रामों को शामिल कर अभियान चलाया जा रहा है। मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान जिले के आठ विकासखण्डों से धरमजयगढ़ के 16 ग्रामों, लैलूंगा के 5 ग्राम, घरघोड़ा के 2 ग्राम, लोईंग के 2 ग्राम, पुसौर के 1 ग्राम, चपले के 1 ग्राम, सारंगढ़ के 6 ग्राम एवं बरमकेला के 6 ग्रामों को शामिल किया है इस अभियान को सफल बनाने हेतु संबंधित क्षेत्रों के जनमानस एवं जिले के नागरिको से अपील की जाती है कि रायगढ़ जिला को स्वच्छ जिला बनाने के साथ-साथ मलेरिया मुक्त जिला बनाने में सहयोग प्रदान करें ताकि रायगढ़ जिला मलेरिया मुक्त जिला घोषित हो सके और छत्तीसगढ़ राज्य मलेरिया मुक्त राज्य के रूप में जाना जा सके।