छत्तीसगढ़

खरीफ फसल बीमा की अंतिम तिथि 15 जुलाई

राजनांदगांव , जुलाई 2022। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2022 के तहत फसल को प्रतिकूल मौसम सूखा, बाढ़, कीट व्याधि, ओलावृष्टि आदि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान में वित्तीय सहायता के लिये विगत माह से फसल बीमा का कार्य प्रारंभ हो चुका है। फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि 15 जुलाई 2022 निर्धारित है। जिसमें अब मात्र 10 ही दिवस शेष है। जिले हेतु मुख्य फसल धान सिंचित एवं धान असिंचित तथा अन्य फसल सोयाबीन एवं अरहर फसल का बीमा करा सकते हैं। योजनांतर्गत बीमा इकाई ग्राम निर्धारित है।
बीमा में शामिल किये जाने वाले कृषक-
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत ऋणी एवं अऋणी कृषक जो भू-धारक व बटाईदार हो सम्मिलित हो सकते हैं। अधिसूचित फसल उगाने वाले सभी गैर ऋणी कृषक जो योजना में सम्मिलित होने के इच्छुक हों वे बुआई पुष्टि प्रमाण पत्र सत्यापित कर एवं अन्य दस्तावेज प्रस्तुत कर योजना में सम्मिलित हो सकते हैं।
बीमा हेतु प्रीमियम राशि दर-
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ फसलों के लिये 2 प्रतिशत कृषक प्रीमियम राशि निर्धारित है, जिसके अनुसार कृषक द्वारा देय प्रीमियम राशि 1100 रूपए धान सिंचित एवं 840 रूपए धान असिंचित हेतु प्रति हेक्टेयर की दर से देय होगा। इसी प्रकार कृषक द्वारा सोयाबीन फसल हेतु 924 रूपए, अरहर फसल हेतु 666 रूपए प्रति हेक्टेयर की दर से देय होगा।
बीमा कराने के लिये आवश्यक दस्तावेज –
ऋणी कृषकों का बीमा संबंधित बैंक, सहकारी समिति द्वारा अनिवार्य रूप से किया जाएगा। उन्हें केवल घोषणा एवं बुवाई प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। अऋणी कृषकों को बैंक, सहकारी समिति एवं लोक सेवा केन्द्र में बीमा प्रस्ताव फार्म, नवीनतम आधारकार्ड, बैंक पासबुक, भू-स्वामित्व साक्ष्य बी-1 पांचसाला, किरायदार, साझेदार कृषक का दस्तावेज, बुवाई प्रमाण पत्र एवं घोषणा पत्र प्रदाय कर बीमा करा सकते हैं।
बीमा कहां कराए –
कृषकों द्वारा फसल बीमा कराने हेतु अपने संबंधित समिति, संबंधित बैंक, बीमा प्रदाय कंपनी एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं।
कृषक हेतु महत्वपूर्ण बिंदु –
एक ही अधिसूचित क्षेत्र एवं अधिसूचित फसल के लिये अलग-अलग वित्तीय संस्थाओं से कृषि ऋण स्वीकृत होने की स्थिति में कृषक को एक ही स्थान से बीमा कराया जाना है। इसकी सूचना कृषक को संबंधित बैंक को देनी होगी। ऋणी एवं अऋणी कृषकों के द्वारा समान रकबा, खसरा का दोहरा बीमा कराने की स्थिति में कृषक के समस्त दस्तावेज को निरस्त करने का अधिकार बीमा कंपनी के पास होगा।
आधार कार्ड अनिवार्य –
फसल बीमा कराने के लिये समस्त ऋणी एवं अऋणी कृषक को आधार कार्ड की नवीनतम, अद्यतन छायाप्रति संबंधित बैंक, संस्थान हो अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाना है। आधार कार्ड उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में फसल बीमा नहीं किया जा सकेगा। उप संचालक कृषि द्वारा किसानों से आग्रह किया गया कि गत वर्ष एवं इस वर्ष मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए अधिक से अधिक संख्या में कृषक अपने फसलों का आज ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत बीमा कराए।

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