कवर्धा, जुलाई 2022। कृषि विज्ञान केन्द्र, राजनांदगांव, बेमेतरा एवं कवर्धा की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र कवर्धा में मंगलवार को आयोजित किया गया। बैठक में मुख्य अतिथि डॉ. पी. के. चंद्राकर, निदेशक विस्तार सेवाएं, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर, विशिष्ट अतिथि डॉ. जी. के. दत्ता, अधिष्ठाता, स्व. श्री पुनाराम निषाद मात्स्यिकी महाविद्यालय, कवर्धा, डॉ. दीप्ति झा, सहायक प्राध्यापक, कार्यालय निदेशालय विस्तार सेवाएं, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर, डॉ. ज्योति भट्ट, तकनीकी सहायक, कार्यालय निदेशालय विस्तार सेवाएं, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर, डॉ. बी.पी. त्रिपाठी, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, डॉ. बी.एस. राजपूत, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, राजनांदगावं, डॉ. आर. एस. राजपूत, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा कवर्धा रहे।
डॉ. पी. के. चंद्राकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि कृषि से आय बढ़ाने के लिए समन्वित कृषि प्रणाली को अपनाने की अत्यंत आवश्यक है। ताकि किसानों को सालभर आमदनी के स्त्रोत उपलब्ध हो सके और कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा द्वारा संचालित समन्वित कृषि प्रणाली इकाई की सराहना करते हुए किसानों को समन्वित कृषि प्रणाली अपनाने हेतु उत्साहवर्धक किया गया। तदोपरांत निदेशक विस्तार सेवाएं द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र, राजनांदगांव को अपना प्रस्तुती करने हेतु निर्देशित किया गया। डॉ. बी. एस. राजपूत, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, राजनांदगांव ने अपने वार्षिक प्रतिवेदन (2021-22) एवं आगामी कार्ययोजना (2022-23) का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया गया। जिसमें विभिन्न विषयों पर की गई प्रक्षेत्र प्ररीक्षण एवं अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के प्रस्तुती की। उन्होने कहा कि आज किसान खाद की कमी महसूस कर रहे है। परंतु वैज्ञानिकों के पास जैव उर्वरक के रूप में अच्छा विकल्प है। जिसके उपयोग से किसान खाद की कमी से हो रहे पोषक तत्वों की कमी को दूर कर सकते है। गौठानों में उत्पादित हो वर्मीकम्पोस्ट में विभिन्न कनसोटिया से उपचार कर अधिक समृद्ध बनाने की दिशा में कार्य कर रहे है। कृषि विज्ञान केन्द्र, राजनांदगांव के प्रस्तुती उपरांत कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, डॉ. रंजीत सिंह राजपूत द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन (2021-22) एवं आगामी कार्ययोजना (2022-23) का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया गया। प्रस्तुतीकरण में उन्होने कृषक उत्पादक समूह के द्वारा केला से रेशा निष्कासन एवं केला जल द्वारा तैयार किये जा रहे विभिन्न उत्पाद जैसे-बैग,फोल्डर, पर्स, दरी एवं केला जल से जैविक उर्वरक बनाने की प्रक्रिया एवं उससे होने वाले आय के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
गौठानों में कार्यरत समूहो द्वारा मधुमक्खी पालन एवं उसके प्रबंधन, आय की प्रस्तुतीकरण किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के प्रस्तुती उपरांत वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा डॉ. बी.पी. त्रिपाठी द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन (2021-22) एवं आगामी कार्ययोजना (2022-23) का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया गया। जिसमें वर्ष 2021-22 में जिले की मुख्य दलहन, तिलहन, सब्जी एवं फलवर्गीय फसलों में की जा रही विभिन्न प्रक्षेत्र परीक्षण एवं अग्रिम पंक्ति प्रदर्शनो के परिणाम की प्रस्तुती की गई। कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा द्वारा किसानों के प्रक्षेत्र पर समन्वित कृषि प्रणाली विस्तृत जानकारी प्रदाय किया गया। जिससे जिले के कृषक अधिक से अधिक लाभ ले सके इसके साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा द्वारा गोधन न्याय योजना में किये जा रहे कार्यो की प्रस्तुतीकरण किया गया एवं स्वसहायता समूह द्वारा बम्हनी एवं राजानवागांव सब्जी उत्पादन एवं औषधीय फसलों की खेती एवं उससे स्वसहायता समूह को मिलने वाले लाभ का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा, बेमेतरा एवं राजनांदगांव के वैज्ञानिक एवं वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सदस्य सहित लगभग 50 लोग उपस्थित थे। इस असवसर पर इंजी. तीरथ ठाकुर, सहायक अभियंता, जिला – कबीरधाम, डॉ. चंद्रेश चंद्राकर, संत कबीर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, कवर्धा, श्री एस. के. वर्मा, डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर, आत्मा, जिला-कबीरधाम, श्री आर. के. मेहरा, वरिष्ठ उद्यान विस्तार अधिकारी, राजनांदगांव़, श्री डी. के. श्रीवास्तव, सहायक मत्स्य, अधिकारी, कबीरधाम, डॉ. मोनिका एवं डॉ. उपेन्द्र, पशुधन उत्पादन विभाग, जिला – कबीरधाम, एवं कबीरधाम जिले के वैज्ञानिक सलाहकार समिति के कृषक सदस्य एवं बेमेतरा जिला के प्रगतिशील कृषक उपस्थित थे।