छत्तीसगढ़

गौमूत्र से जैविक कीटनाशी व जीवामृत बनाने का दिया गया प्रशिक्षण

मुंगेली , जुलाई 2022// कृषि विज्ञान केन्द्र व उपसंचालक पशुधन विकास विभाग के संयुक्त तत्वाधान में मुंगेली विकासखण्ड के ग्राम कुंआगांव एवं खेढ़ा के गौठान में शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौमूत्र से उत्पाद बनाने एवं गौमूत्र की शुद्धता की पहचान किए जाने पर विशेष प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। उपसंचालक पशुधन विकास विभाग ने बताया कि यह प्रशिक्षण समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कारगार साबित होगा।
प्रशिक्षण में कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डाॅ. प्रेमशंकर तिवारी ने गौमूत्र से जीवामृत एवं ब्रम्हास्त्र बनाने की विधि का विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जीवामृत पौधे की वृ़िद्ध व उत्पादकता को बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाना है एवं ब्रम्हास्त्र का उपयोग फसलों में लगने वाले कीट नियंत्रण के लिए किया जाना है। उसकी विस्तृत जानकारी प्रायोगिक तौर पर गौठान समिति के सदस्यों व स्व-सहायता समूह की महिलाओं को दी गई। प्रशिक्षण के दौरान पशुधन विभाग व कृषि विभाग से संबंधित अधिकारी और महिला स्व-सहायता समूह के अन्य सदस्य व किसान मौजूद थे।

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