छत्तीसगढ़

फिल्म नीति बनने से मिल रहा छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग और पर्यटन को बढ़ावा : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

‘‘छत्तीससगढ़ी कला, साहित्य और फिल्म को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध’’

छत्तीसगढ़ी फिल्म महोत्सव में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने की शिरकत

रायपुर, 23 जुलाई 2022/छत्तीसगढ़ी फिल्मों का सफर 1965 में श्कहि देबे संदेशश् और श्घर-द्वारश् से शुरू हुआ, जो निरंतर जारी है। छत्तीसगढ़ी फिल्म जगत ने बहुत से उतार-चढ़ाव देखा है। इन फिल्मों ने सामाजिक व्यवस्था, सामाजिक कुरीतियां और समाजिक परिवेश पर अपनी बात कही है। दर्शकों के मन में मनोरंजन के साथ फिल्मों के माध्यम से अपनी संस्कृति को लेकर गौरव की अनुभूति की अपेक्षा होती है। दूसरी ओर प्रदेश की कला, संस्कृति और फिल्म को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है। छत्तीसगढ़ी फिल्म नीति इसी कड़ी का हिस्सा है। छत्तीसगढ़ी फिल्म नीति बनने से छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग और पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज छत्तीसगढ़ी फिल्म महोत्सव के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष श्री गुरप्रीत सिंह बाबरा विशेष रूप से मौजूद थे।

छत्तीसगढ़ी फिल्म महोत्सव के माध्यम से छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग से जुड़े, कलाकारों, निर्माता, निर्देशक, गीतकार, संगीतकार, गायक-गायिका व तकनीशियनों का सम्मान किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि कलाकारों के लिए असली इनाम दर्शकों से मिलने वाला प्रतिसाद है। उन्होंने छत्तीसगढ़ी फिल्मों के सफर पर बात करते हुए कहा कि, ‘‘कहि देबे संदेश’’ ने जहां तात्कालीन जातीय परिदृश्य पर करारा प्रहार किया था। वहीं ‘‘घर-द्वार’’ में टूटते पारिवारिक रिश्तों को रेखांकित किया गया था। लगभग हर छत्तीसगढ़ी फिल्म ने सामाजिक व्यवस्था और सामाजिक परिवेश को दर्शाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि, हमारी सरकार आने के बाद छत्तीसगढ़ी फिल्म नीति बनाने के लिए बहुत मेहनत की गई। संस्कृति मंत्री ने कैबिनेट में फिल्म नीति का प्रारूप पेश किया, जिसे कैबिनेट ने अनुमोदित भी कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, छत्तीसगढ़ फिल्म नीति बनने से यहां के फिल्म उद्योग को तो प्रोत्साहन मिलेगा ही, साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। छत्तीसगढ़ में ही ऐसे अनेक मनोरम स्थान हैं, जो फिल्मों के शूटिंग के लिए उपयुक्त हैं। फिल्म नीति के साथ ही राज्य सरकार की नीतियों से अब ऐसा वातावरण तैयार हुआ है, जिससे अन्य प्रदेशों के फिल्मकारों की रुचि भी छत्तीसगढ़ को लेकर बढ़ी है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग से जुड़े सभी लोगों को फिल्म महोत्सव की बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कटिबद्ध है।

अध्यक्षीय उद्बोधन में संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने कहा कि, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने हर मौके पर छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है। उनकी सोच है कि छत्तीसगढ़ की कला, साहित्य, संस्कृति और फिल्म आगे बढ़े। पहले कभी फिल्म नीति नहीं बनी थी, लेकिन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इसके लिए पहल की। फिल्म नीति न होने से स्थानीय कलाकारों के पास विजन भी नहीं था, अब छत्तीसगढ़ फिल्म नीति बनने से यहां के कलाकारों और फिल्म जगत से जुड़े लोगों को विजन मिला है। उन्होंने नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली फिल्म को एक करोड़ रुपये और इंटरनेशनल अवॉर्ड जीतने पर पांच करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि राज्य सरकार की ओर से देने के प्रावधान का विशेष रूप से उल्लेख किया। संस्कृति मंत्री ने उम्मीद जताई कि छत्तीसगढ़ी फिल्म नीति और राज्य सरकार द्वारा स्थानीय फिल्म उद्योग को दिए जा रहे प्रोत्साहन के फलस्वरूप नित नयी कड़ी छत्तीसगढ़ी फिल्मों की उपलब्धि में जुड़ेगी। छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।

स्थानीय शहीद स्मारक भवन के आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं संस्कृति मंत्री श्री भगत व अन्य अतिथियों के हाथों छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों को सम्मानित किया गया। वहीं इस मौके पर एक फिल्म का पोस्टर भी लॉन्च किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *