छत्तीसगढ़

वर्षा जल संग्रहण के लिए नालों में बनाए अधिक से अधिक संख्या में बोरी बांध- कमिश्नर कमिश्नर ने ली वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक

अम्बिकापुर, जुलाई 2022/ कमिश्नर श्री जीआर चुरेन्द्र ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संभाग के जिलों के कलेक्टरों व जिला पंचायत सीईओ की बैठक लेकर कृषि, उद्यानिकी, जल संसाधन सहित कृषि से संबंधित विभागों के कार्यां की समीक्षा की। उन्होंने संभाग में अल्प वर्षा को दृष्टिगत रखते हुए किसानों को राहत दिए जाने हेतु आकस्मिक कार्य योजना बनाने तथा वर्षा जल संग्रहण हेतु नालों एवं एनिकट में बोरी बांध बनाने के निर्देश दिए। बताया गया कि अब तक संभाग में खरीफ धान की बोनी करीब 34 प्रतिशत तक हुआ है।
कमिश्नर ने अल्प वर्षा को दृष्टिगत रखते हुए किसानों को राहत देने के लिए कम अवधि वाले फसल लगाने तथा परंपरागत बाड़ियों को पुनः सक्रिय कर परंपरागत सब्जी लगाने के लिए प्रोत्साहित करने कहा। इसके साथ ही नरेगा के माध्यम से रोजगारमूलक अधिक से अधिक कार्य ग्रामीणों को उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। कमिश्नर ने कहा कि वर्षा जल संग्रहण के लिए तालाबों व जलाशयों के आस-पास के कैचमेंट एरिया को ग्रामीणों के द्वारा अतिक्रमण कर मिट्टी से भर दिया जाता है जिसके कारण तालाब में पानी नहीं आ पाता। इन कैचमेंट एरिया में कच्ची नाली का निर्माण करें ताकि वर्षा का जल जलाशयों भरे। उन्होंने वर्षा जल संग्रहण के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए।
कमिश्नर ने संभाग में अल्प वर्षा की स्थिति को देखते हुए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को पूरे अमले सहित मैदान में सक्रिय रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारी डायरी संधारित करें और प्रतिदिन के निरीक्षण की टीप दर्ज करें। जिस जलाशय से जब भी पानी की जरूरत हो उसका उपयोग खेती के लिए हो सके यह सुनिश्चित करें।
गाजर घास उन्मूलन के लिए चलेगा अभियान- कमिश्नर ने खरपतवार के रूप में पांव पसार रहे गाजर घास की उन्मूलन के लिए जिला प्रशासन के नेतृत्व में अभियान चलाने कहा। उन्होंने कहा कि पहले नगरीय निकाय क्षेत्र में अधिकारी-कर्मचारी तथा जनप्रतिनिधि श्रमदान के माध्यम से गाजर घास उन्मुलन की मुहिम चलाएं। इसी प्रकार जंगलों में पुटुश के झाड़ी तेजी से फैल रहे हैं जिससे अन्य पौधों का रोपण नहीं हो पा रहा है। जंगलों से पुटुश के झाड़ियों को हटाने के लिए अभियान चलाएं। उन्होंने मवेशियों के खुले में घूमने की स्थिति को गंभीरतापूर्वक लेते पशुपालकों को खरीफ फसल को मवेशियों के द्वारा नुकसान पहुंचाने के संबंध में समझाइश देने तथा पशुओं को घर में बांधकर रखने की सलाह देने की बात कही। उन्होंने घुमंतू मवेशियों के लिए नगरीय क्षेत्रों में गौशाला का निर्माण करने तथा उसका संचालन स्व सहायता समूहों के माध्यम से कराने हेतु कार्य योजना बनाने के निर्देश भी दिए।
इस अवसर पर लोक सेवा केन्द्र में जिला पंचायत सीईओ श्री विनय कुमार लंगेह, सहायक आयुक्त विकास श्री महावीर राम, संयुक्त कलेक्टर श्री टेकचंद अग्रवाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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