रीमती ठगिया बाई यादव निवासी ग्राम पंचायत धमकी जनपद पंचायत कवर्धा गोधन न्याय योजना का गुणगान करते हुए कहती हैं कि इस योजना से मैंने अपने कर्ज को उतार लिया। धन्यवाद हो भूपेश सरकार का जिसने हम ग्रामीणों को ऐसे काम से जोड़कर जो पहले से ही हम करते आ रहे है उससे लाभ दिलाने की सोची जो पहले कभी नहीं हुआ था। मैंने अभी तक 420 क्विंटल गोबर बेचा है जिसके एवज में मेरे बचत खाता बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा कवर्धा में मुझे 84 हजार रुपए प्राप्त हुए। मैंने जब अपनी बिटिया की शादी की तो उसके खर्च के लिए मैं कर्ज में डूब गई थी लेकिन गोधन न्याय योजना के सहायता से मैं अब उस कर्ज में बाहर आ गई हूं।
गौधन योजना के क्रियान्वयन से अब बेहतर परिणाम आने लगे- कलेक्टर
कबीरधाम जिले कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे बताते हैं कि गौधन न्याय योजना राज्य शासन की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने वाली महत्वपूर्ण योजनाओं में एक है। योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के बाद अब जिले में इसके बेहतर परिणाम भी आने लगे है। गौधन से जुड़े गौ-पालक, किसानों, मवेशी चराने वाले चरवाहे से लेकर गौठान में काम करने वाले महिला स्व सहायता समूहों और गौठान प्रबंधन समितियों को इस योजना का प्रत्यक्ष लाभ मिलने लगा है और इन सभी के लिए फायदेमंद साबित भी हो रहा है। हरेली त्यौहार से अब जिले के दो गौठानों में गौ-मुत्र की खरीदी होगी। इसकी तैयारी भी कर ली गई है। राज्य शासन के मंशानुरूप अब जिले के गौठानों को अजीविका केन्द्र के रूप में विकसित करने का प्रयास भी किया जाएगा, ताकि इससे अधिक से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष लाभ मिल सके।
सुराजी गांव ग्रामीण अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भर का जरिया बना – सीईओ संदीप अग्रवाल
जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप कुमार अग्रवाल का कहना है कि छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरुवा और बाड़ी परंपरागत कार्यों को बढ़ावा देते हुए लोगों को आत्मनिर्भर बनाने का एक बेहतरीन माध्यम है। गोबर बेचकर जहां ग्रामीण आर्थिक रूप से लाभान्वित हो रहे हैं वही महिला स्व सहायता समूह द्वारा गोबर से खाद बनाकर आमदनी अर्जित कर रही है और साथ मे जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है। अब इसी क्रम में गोमूत्र खरीदी का काम भी जिले के गौठानो में प्रारंभ होने जा रहा है।