जगदलपुर, अगस्त 2022/ अतिवृष्टि के कारण गिरे मकानों और पशुओं की क्षति पर 11 लाख 56 हजार रुपए का भुगतान किया गया। बस्तर कलेक्टर श्री चंदन कुमार द्वारा प्राकृतिक आपदा से पीड़ितों को त्वरित राहत पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। निर्देशों के तहत राजस्व विभाग के कर्मचारी-अधिकारियों द्वारा नुकसान का त्वरित आंकलन कर राशि स्वीकृति की कार्यवाही की गई।
राजस्व विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बस्तर तहसील में 22 आंशिक क्षतिग्रस्त और 10 पूर्णतः क्षतिग्रस्त मकानों के मामलों में 4 लाख 55 हजार 400 रुपए का भुगतान किया गया। बकावंड में एक क्षतिग्रस्त मकान और एक पशु हानि के एवज में 31 हजार 400 रुपए का भुगतान किया गया। जगदलपुर तहसील में 16 आंशिक क्षतिग्रस्त मकान और 4 पूर्णतः क्षतिग्रस्त मकान के एवज में 2 लाख 22 हजार 600 रुपए का भुगतान किया गया। लोहण्डीगुड़ा तहसील में 3 आंशिक क्षतिग्रस्त मकानों के एवज में 9 हजार 600 रुपए का भुगतान किया गया। तोकापाल तहसील में 10 आंशिक क्षतिग्रस्त मकान और 3 पशुहानि के प्रकरणों में 1 लाख सात हजार रुपए का भुगतान किया गया। दरभा तहसील में 10 आंशिक क्षतिग्रस्त मकान और 3 पशु हानि के प्रकरणों में 1 लाख 45 हजार 400 रुपए का भुगतान किया गया। बास्तानार तहसील में 3 आंशिक क्षतिग्रस्त और 7 पूर्णतः क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 1 लाख 85 हजार 300 रुपए का भुगतान किया गया।
बस्तर जिले में दर्ज की गई 116.5 मिलीमीटर वर्षा
रविवार से बस्तर जिले में हो रही भारी बारिश को देखते हुए बस्तर जिला प्रशासन द्वारा राहत के लिए पूरी तैयारी रखी गई। बस्तर जिले में रविवार सुबह 8 बजे से सोमवार सुबह 8 बजे के मध्य 116.5 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। सबसे अधिक बास्तानार तहसील में 200.4 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। जगदलपुर तहसील में 136.4, बस्तर तहसील में 59.6, बकावंड तहसील में 56.2 मिलीमीटर, लोहण्डीगुड़ा तहसील में 116.2 मिलीमीटर, तोकापाल तहसील में 103.़2 मिलीमीटर और दरभा तहसील में 143.4 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
बारिश को देखते हुए प्रशासन द्वारा नदी-नालों के निकट स्थित गांवों में लगातार निगरानी की जा रही है। माड़पाल मार्ग में गोरिया बहार नाला में आए उफान को देखते हुए मार्ग में सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।
इंद्रावती नदी में अभी खतरे के निशान से दो फीट ऊपर है पानी
दो दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण इंद्रावती नदी का जल स्तर बढ़ गया है और यह समाचार लिखे जाने तक खतरे के निशान से दो फीटर ऊपर बह रहा है। इंद्रावती नदी में जल स्तर ने सुबह 4 बजे चेतावनी स्तर 7 मीटर को छुआ, वहीं दोपहर 12 बजे यह खतरे के निशान 8.30 मीटर तक पहुंच गई। इंद्रावती नदी में प्रतिघंटे 10 सेंटीमीटर के रफ्तार से पानी की बढ़ोत्तरी देखी गई, वहीं शाम पांच से छः बजे के बीच यह रफ्तार घटकर 8 सेंटीमीटर पहुंच गई। पड़ोसी राज्य ओड़ीसा स्थित खातीगुड़ा बांध में वर्तमान में लगभग 40 प्रतिशत ही जलभराव होने की जानकारी जल संसाधन विभाग द्वारा दी गई, जिसके कारण किसी भी प्रकार की चिंता की स्थिति नहीं है।