दुर्ग, अगस्त 2022/अंतर्राष्ट्रीय स्तनपान सप्ताह के अवसर पर चंदूलाल चंद्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में विशेष सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में बताया गया कि माँ का दूध नवज़ात बच्चे के लिए अमृत होता है,जो न सिर्फ अपने आप में सम्पूर्ण आहार होता है बल्कि ढ़ेरो खूबियों से भरपूर होता। आधुनिक शोधों से ये सिद्ध हुआ है कि इससे बच्चे को कोविड एवं अन्य कई बीमारियों से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त होती है और स्तन पान के दौरान सामान्यतः कोविड माँ से शिशु को संक्रमित नहीं करता।
स्तनपान माँ व शिशु के बीच एक स्नेह का एक ऐसा बंधन भी कायम करता है जो शिशु के व्यस्क हो जाने के बाद भी बना रहता है।स्तनपान करवाने वाली माताओं में स्तन का कैंसर की सम्भावना बहुत कम होती है साथ ही यह प्रसव के बाद होने वाले जानलेवा रक्तस्त्राव और ख़ून की कमी नहीं होती और महिला जल्द ही होने वाले नये गर्भधारण से भी बचाव करती है।
अनुसन्धान तो ये भी कहते हैं कि स्तन पान करने वाले बच्चे के बड़े होने के बाद भी ज्यादा स्वथ्य होते हैं, उनके मस्तिष्क और दृष्टि की क्षमता बहुत अच्छी होती है और उन्हें मधुमेह और ह्दय रोगों से अन्य बच्चों की अपेक्षा कम होते हैं व वे अपनी माँ से प्रेम की एक अदृश्य डोर से बंधे होते हैं और वृद्ध होने पर उनका बेहतर ख़याल रखते हैं।
चिकित्सा महाविद्यालय के स्किल लैब में आयोजित इस बहुपयोगी सभा में प्रभारी अधिष्ठाता डॉ. जयंती चंद्राकर व विभिन्न विभागो के विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ व कनिष्ठ चिकत्सा शिक्षकों के अलावा नर्सिंग स्टॉफ के साथ ही सम्बद्ध चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. अतुल मनोहर राव देशकर वर्चुअल रूप से उपस्थित रहे।
शिशु रोग विभाग के विभागध्यक्ष डॉ. ओमेश खुराना ने इस विशेष सभा में स्तनपान की बारीकीयों को विस्तृत व सारगर्भित जानकारी दीं व मॉडल्स पर प्रशिक्षण भी दिया। कार्यक्रम संयोजक डॉ, सुरप्रीत चोपड़ा के सफल निर्देशन में ये आयोजन बेहद सफल और सार्थक रहा।