छत्तीसगढ़

पोषण वाटिका से आई सब्जी

परोसी गई गरमा गरम पोषक थाली

रायपुर, सितंबर 2022, बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर करने के उद्देश्य से जिले में पोषण माह चलाया जा रहा है। इसी क्रम में आरंग विकासखंड की परियोजना मंदिर हसौद सेक्टर भानसोज के ग्राम खम्हरिया की आंगनबाड़ी सहायिका ने अपने घर पर पोषण वाटिका बनाई है। जिसमें तैयार हुयी ताजा सब्जियों से बच्चों के लिए गरमा गरम पोषक पदार्थों युक्त थाली परोसी जा रही है।

महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी सुश्री शैल ठाकुर ने बताया: “जिले में 1,289 पोषण वाटिकाएं है, जिनके माध्यम से बच्चों को पोषण युक्त भोजन की व्यवस्था की जाती है । बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए पोषण पदार्थ युक्त खाना आवश्यक है।”

वहीं इस संबंध में भानसोज सेक्टर की पर्यवेक्षक ऋतु परिहार बताती है: “जिला प्रशासन द्वारा इस संबंध में निर्देश मिले थे कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका बनाई जाए। इन निर्देशों के पालन में आंगनबाड़ी सहायिका रुक्मणी वर्मा ने अपने घर में खाली पड़े स्थान पर पोषण वाटिका बनाई। अब यह पोषण वाटिका बन कर तैयार हो गयी है और यहाँ उगने वाली सब्जियों से आंगनबाड़ी केंद्र पर आने वाले बच्चों के लिए ताजी सब्जियों का उपयोग करते हुए खाना बनाया जा रहा है और बच्चों को गरमा गरम थाली परोसी जा रही है। गुरुवार के मेनू के अनुसार बच्चों को पोहा, चावल, अरहर दाल, सोया बड़ी, मुनगा भाजी, लाल भाजी एवं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पत्तेदार भाजी दी जाती है।“

आंगनबाड़ी केंद्र खम्हरिया 2 की कार्यकर्ता सुनीता वर्मा ने बताया: “केंद्र पर 3 से 6 वर्ष तक के 19 बच्चे पंजीकृत हैं। जिन्हें नाश्ते में रेडी टू ईट और खाने में चावल, अरहर दाल, सोया बड़ी, कद्दू भाजी दिया गया। बच्चों ने उसे बड़े चाव से खाया। कद्दू आंगनबाड़ी सहायिका रुक्मणी वर्मा के घर में लगी बाड़ी से लाया गया था।‘’

आंगनबाड़ी सहायिका रुक्मणी वर्मा ने बताया: ‘’पोषण वाटिका में बहुत सी सब्जियां लगाई गई है वाटिका में तोरई, करेला, कद्दू, खेखसा, खेड़ाहा, पटवा भाजी, डोरका भाजी, लगी है। पालकों की उपस्थिति में पोषण पखवाड़ा के तहत पोषण दिवस मनाया जा रहा है आंगनबाड़ी केंद्र से लाभान्वित एक बच्चे ध्रुव निषाद के पालक हेमंत निषाद ने भी आंगनबाड़ी में बने खाने को चख कर देखा और खाने की तारीफ की।‘’

पोषण वाटिका का उद्देश्य

पोषण वाटिका निर्माण का उद्देश्य बच्चों एवं गर्भवती माताओं में एनीमिया और कुपोषण को दूर करना है, ताकि कुपोषण मुक्त एवं स्वस्थ समाज का निर्माण किया जा सके। माना जाता है कि कुपोषण से लड़ने के लिए पौष्टिक आहार सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं। पौष्टिक आहार में भी हरी पत्तेदार सब्जियां एवं फल अति आवश्यक तत्व हैं।

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