छत्तीसगढ़

तालाब में मत्स्याखेट पर डेढ़ वर्ष से रोक

हाई कोर्ट ने आवेदन पर फैसला लेने कहाबोड़ला तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत राजानवागांव का मामला
कवर्धा। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर ने भोरमदेव मछुवा समिति, राजानवागांव, तहसील बोड़ला के पुनरीक्षण आवेदन पर विचार करने का निर्देश कलेक्टर कबीरधाम को दिया है।  तहसील बोड़ला अंतर्गत ग्राम पंचायत राजानवागांव ने ग्राम के तालाब में मत्स्याखेट के लिए मछुवा कल्याण समिति राजानवागांव को ठेका आबंटित किया है। इसका विरोध करते हुए भोरमदेव मछुवा समिति मर्यादित, राजानवागांव, तहसील बोड़ला ने अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बोड़ला के समक्ष ग्राम पंचायत अधिनियम की धारा 91 के तहत आवेदन प्रस्तुत किया। उसने मत्स्याखेट का ठेका खुद को दिए जाने की मांग की। भोरमदेव मछुवा समिति मर्यादित, राजानवागांव की अपील को अनुविभागीय अधिकारी, (राजस्व) बोड़ला ने अस्वीकृत कर दिया। इस पर भोरमदेव मछुवा समिति ने कलेक्टर कबीरधाम के समक्ष आवेदन कर पुनरीक्षण याचिका प्रस्तुत की। इसी याचिका को कलेक्टर कबीरधाम ने विचार करने योग्य नहीं मानते हुए 02-03-2021 को अस्वीकृत कर दिया।  कलेक्टर कबीरधाम के इस निर्णय के विरोध में भोरमदेव मछुवा कल्याण समिति ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर की शरण ली। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिका पर विचार करते हुए 24-03-2021 को स्थगन आदेश पारित करते हुए यथा स्थिति बनाए रखने कहा। ग्राम पंचायत राजानवागांव अंतर्गत तालाब मंे पिछले लगभग डेढ़ वर्ष से मत्स्याखेट नहीं हो पा रहा है। इधर उच्च न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई करते हुए अपने नवीन आदेश में कलेक्टर कबीरधाम को भोरमदेव मछुवा समिति के आवेदन को गुण-दोष के आधार पर 60 दिनों के भीतर निराकृत करने का निर्देश दिया है।

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