छत्तीसगढ़

बंधुवा मजदूर की शिकायत मिलने पर कलेक्टर द्वारा की गई त्वरित कार्यवाही

जांजगीर-चांपा, सितम्बर 2022/ कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा को जनचौपाल में जैजैपुर विधायक श्री केशव प्रसाद चन्द्रा के माध्यम से आवेदन पत्र प्राप्त हुआ था। जिसमें जिला जांजगीर-चांपा व जिला-सक्ती (छ.ग) के लगभग 60-65 श्रमिक जम्मु कश्मीर के डोंगारगांव चुटरू, जिला-बडगाम (श्रीनगर) के ईट भट्ठे में अधिक आय की लालसा से कार्य करने गये थे तथा श्रमिकों को भट्ठा मालिक/जमीदार द्वारा मजदूरी का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा द्वारा तत्काल संज्ञान में लेते हुए श्रम पदाधिकारी को आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया।
शिकायत की पुष्टि एवं जाँच हेतु त्वरित रूप से जिला – बडगाम (श्रीनगर) के प्रशासन से सम्पर्क किया गया तथा उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया। जिला प्रशासन बडगाम द्वारा एक संयुक्त टीम जिसमें प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट, सहायक श्रमायुक्त तथा श्रेत्रीय पुलिस प्रशासन की बनाई गई। इस संयुक्त टीम के द्वारा शिकायत पर 13 सितम्बर 2022 को जाँच की गई तथा जिला प्रशासन जांजगीर-चांपा को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया।
संयुक्त टीम द्वारा दिए गए प्रतिवेदन अनुसार अमिक बंधक नहीं थे स्वतंत्र रूप से कार्य कर रहे थे। पैसों को लेकर कुछ विवाद अवश्य था जिसका प्रशासन के हस्तक्षेप से समाधान करा दिया गया है। 25-30 श्रमिक अपने राज्य वापस जाना चाहते है। बाकी शेष श्रमिक वही कार्य करने के इच्छुक है। अतः पंचनामा तैयार कर वापस जाने वाले श्रमिकों को गृह राज्य भेजने की तैयारी की जा रही है।
इस संबंध में अवगत होना आवश्यक है कि पूर्व में भी इस प्रकार की शिकायत प्राप्त हुई थी। जिला-झइझर (हरियाणा) में संयुक्त टीम द्वारा इसी प्रकार से जाँच स्थापित की गई एवं बंधक श्रमिक नहीं पाये गए व शिकायत मिथक साबित हुई। हाल ही के दिनों में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस गुप्ता ने बंधुवा मजदूरी पर सुनवाई करते हुए कहा कि देश में बंधुवा मजदूरी के नाम पर पैसा बनाने का रैकेट चल रहा है। इसमें शामिल लोग बंधुवा मजदूरी जैसी प्रथा के आड़ में पैसे बना रहे है। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस गुप्ता ने कहा कि क्या आप जानते हैं बंधुवा मजदूर दरअसल बंधुवा नहीं होने उन्हें काम के लिए पैसे मिलते है वे उन पैसों से खाते है फिर काम छोड़ देते है।
जिला प्रशासन द्वारा समस्त श्रमिकों से अपील की गई है कि ज्यादा मजदूरी पाने की लालसा में अन्य राज्यों में जाने की अपेक्षा स्थानीय स्तर पर पर्याप्त रोजगार के संसाधन उपलब्ध है।

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