छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ को विकलांग मुक्त करने की यह पहल सराहनीय – राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके

दिव्यांगजनों की सहायता हेतु बस्तर में खोले केंद्र
जगदलपुर, सितम्बर 2022/ मानवीय संवेदना के साथ मानव सेवा का कार्य सम्मानीय है। दिव्यांग जनों की जीवन अत्यंत कठिन और परिश्रम होती है, उन्हें कृत्रिम अंग प्रदान कर, उन्हे एक नया जीवन देने का यह कार्य सराहनीय है। भगवान महावीर विकलांग सहयता समिति छत्तीसगढ़ को विकलांग मुक्त बनने के ध्येय को चरितार्थ कर रही है। जगदलपुर स्थित महावीर भवन में आयोजित निःशुल्क दिव्यांग सहायता शिविर के समापन समारोह में पहुंची राज्यपाल छत्तीसगढ़, सुश्री अनुसुईया उइके ने जैन समाज के सेवा सेवा भाव की भूरी भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा की आज भारतीय जैन संघटना द्वारा आयोजित ‘‘दिव्यांग सेवा शिविर‘‘ कार्यक्रम में शामिल होकर मुझे अत्यंत हर्ष का अनुभव हो रहा है। संगठन द्वारा बस्तर संभाग के सुकमा एवं बस्तर जिले में  दिव्यांगो को चिन्हित कर उनके जीवन संवर्धन के लिए सुकमा में 5 दिवसीय एवं जगदलपुर में 4 दिवसीय निःशुल्क दिव्यांग सेवा शिविर का आयोजन कर लगभग 1800 दिव्यांग जनों को सहायक उपकरण, कृत्रिम अंग, श्रवण यंत्र प्रदान किया है। उन्होंने कार्यक्रम में दिव्यांग जनों को व्हीलचेयर, ट्राइसाइकिल और कृत्रिम अंग प्रदान किए।
राज्यपाल सुश्री उइके ने बस्तर जिले के दिव्यांग जनों की सहायता और समस्याओं की निराकरण हेतु ब्लॉक में नियमित अंतराल में दिव्यांग सेवा शिविर का आयोजन करने के लिए कलेक्टर को निर्देशित किया। जिससे क्षेत्र के आस पास के दिव्यांग जन को शासकीय कार्यों हेतु मुख्यालय तक आने की मशक्कत ना करनी पड़े। उन्होंने कहा कि दिव्यांग जनों के प्रति हम सभी को संवेदनशील होकर उनके विकास और सामाजिक उत्थान के लिए प्रयासरत होना चाहिए। वे हमारे बीच के ही लोग है, उनके प्रति उदारता, संवेदना और सेवा भाव ही उनका सम्मान है।
उन्होंने देश प्रदेश के दिव्यांग लोगों को संबोधित करते हुए कि कहा कि अपनी दिव्यांगता को आप अपनी कमी न समझें बल्कि उसे जिंदगी में चुनौती के रूप में समझें और हार कतई न मानें। आप सभी का सहयोग करने के लिए राज्य एवं केंद्र सरकारें सदैव तैयार हैं। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सदैव ही दिव्यांग लोगों को प्रोत्साहित किया है। उनके नेतृत्व में केंद्र सरकार ने दिव्यांग लेागों के लिए कई योजना चलाई हैं। भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति जयपुर स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन है। जो कि वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान भी करता है। यह शारीरिक रूप से अक्षम लोगों का शारीरिक और सामाजिक-आर्थिक पुनर्वास करने का कार्य कर रही है। ताकि वे सम्मान का जीवन जी सकें और समुदाय के उत्पादक सदस्य बन सके। यह संस्था विकलांगों के लिए कृत्रिम अंग प्रदान करता है। जयपुर सहित, कैलिपर्स, बैसाखी, व्हील चेयर, ट्राइसाइकिल, श्रवण यंत्र जैसे चलने वाले उपकरण, और अन्य सहायक उपकरण पूरी तरह से निशुल्क दिव्यांगो को उनकी जरूरत के अनुसार उपलब्ध कराए जाते हैं।

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