अम्बिकापुर, सितंबर 2022/ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री अमित जिन्दल के निर्देश में पैरालीगल वालेंटियर श्री राजकुमार रजक द्वारा सोमवार को मठपारा में विधिक सेवा शिविर आयोजन किया गया। शिविर में उपस्थित लोगों को दहेज के बारे मे बताते हुये जानकारी दी कि दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 की धारा 2 में कहा गया है कि विवाह के लिये विवाह के पहले या बाद में या विवाह के समय एक पक्ष के द्वारा या उसके किसी संबंधी द्वारा दूसरे पक्ष को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कुछ मूल्यवान वस्तु प्रतिभूति या सम्पत्ति दी जाती है तो वह दहेज कहलाता है।
बताया गया कि ऐसा कोई उपहार जो विवाह करने की एवज में नहीं दिया जाता वह दहेज के अंतर्गत नहीं आता है। दहेज लेना या दहेज देना या दहेज की मांग करना दण्डनीय अपराध है। दहेज प्रतिषेध अधिनियम में इसे गैर-जमानती एवं संज्ञेय अपराध माना गया है। दहेज देने या लेने संबंधी कोई भी करार को अवैध माना जाता है। उन व्यक्तियों के लिए भी सजा का प्रावधान किया गया है, जो दहेज जैसे अपराध को अभिप्रेरित करते हैं ।