छत्तीसगढ़

सहसपुर लोहारा में अभियान चलाकर भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों का जिला प्रशासन की टीम ने किया रेस्क्यु

बच्चों से भीख मंगवाना कानूनन अपराध, पांच वर्ष तक का कारावास और एक लाख रुपए तक का जुर्माना

कवर्धा, सितंबर 2022। कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे के निर्देशानुसार एवं श्री आनंद तिवारी जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के मार्गदर्शन में जिला बाल संरक्षण इकाई महिला बाल विकास, विशेष किशोर, पुलिस इकाई, महिला सेल, पुलिस विभाग एवं चाइल्डलाइन 1098 द्वारा भिक्षावृत्ति में लिप्त एवं सड़क जैसी स्थिति में रहने वाले बच्चों के चिन्हांकन रेस्क्यू एवं पुर्नवास के लिए निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। संयुक्त टीम ने नगर पंचायत सहसपुर लोहारा के विभिन्न चिन्हांकित स्थानों, बस स्टैण्ड, विभिन्न होटल, दुकान, सब्जी मार्केट, चौक-चैराहो का सघन भ्रमण किया गया। इस दौरान सहसपुर लोहारा के बस स्टैण्ड के पास भिक्षावृत्ति में लिप्त एक बच्चे का रेस्क्यु कर बाल कल्याण समिति कवर्धा में प्रस्तुत किया।
अभियान के दौरान श्री जय सिंह मरावी उप पुलिस अधीक्षक एवं नोडल अधिकारी विशेष किशोर पुलिस इकाई पुलिस विभाग ने बच्चों से जुड़े विभिन्न कानूनों की जानकारी देते हुए बताया की बच्चों से भीख मंगवाना कानूनन अपराध किशोर न्याय बालकों की देख-रेख एवं संरक्षण अधिनियम 2015 की धारा 76 के तहत किसी नाबालिग बालक-बालिका को भीख मांगने के लिए नियोजित करना या उनसे भीख मंगवाना दंडनीय अपराध है। इसके लिए सजा का भी प्रावधान है जो पांच वर्ष तक का कारावास और एक लाख रुपए तक का जुर्माना है, बच्चों से भीख मगवाते हैं तो माता-पिता रिश्तेदार भी सजा के हकदार होंगे।
महिला एवं बाल विकास विभाग के श्री सत्यनारायण राठौर जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि अधिकारियों के मार्गदर्शन में बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन के लिए जिले में विभिन्न विभागों के टीम बनाकर निरंतर कार्य किया जा रहा है। इस अभियान के दौरान संयुक्त टीम ने कुल 5 बच्चों का रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति कबीरधाम के समक्ष प्रस्तुत किया जिन्हें समिति के आदेश पर बालगृह सखी वन स्टॉप संन्टर भेजा गया है, विभिन्न त्योहारों में बहुत भीड़ होती है जहां पर कुछ विशेष जन-जाति के झुग्गी-झोपड़ी सड़क जैसे स्थिति में रहने वाले परिवार के छोटे बच्चे अपने छोटे-छोटे जरूरतों व शौक आदि को पुरा करने के लिए आस-पास भिक्षावृत्ति करने लग जाते है और फिर बाद में ये उनका आदत में आ जाता है, ऐसे बच्चे स्कूल न जाकर भिक्षावृत्ति में लिप्त हो जाते है और शिक्षा से दूर हो जाते हैं जिससे उनका भविष्य खराब होने लगता है। ऐसे लोगों को भीख नहीं देना चाहिए जिससे बच्चे भीख मांगने के लिए प्रेरित नहीं होंगे। इन बच्चों को मुख्यधारा में जोड़ना अति आवश्यक है। उन्हें परामर्श शिक्षा जागरूकता देखरेख संरक्षण एवं आवश्यकतानुसार पुनर्वास की जारूरत होती है जिसके लिए किशारे न्याय (बालकों के देखेरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत् महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बाल संरक्षण कार्यक्रम संचालित है अगर भिक्षावृत्ति में लिप्त कोई बच्चा मिलता है या दिखता है तो उसके साथ अपराधियों जैसा या अमानवीय व्यवहार ना करें उसे महिला एवं बाल विकास विभाग बाल संरक्षण कार्यक्रम द्वारा संचालित बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत कर परामर्श शिक्षा जागरूकता देखरेख संरक्षण एवं आवश्यकतानुसार पुनर्वास जैसे बाल गृह, विशेषीकृत दत्तक ग्रहण अभिकरण में रखकर आश्रय देखरेख एवं संरक्षण की सुविधाओं से लाभान्वित कराएं। इसके लिए जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग, विशेष किशोर पुलिस इकाई महिला सेल पुलिस विभाग चाईल्ड हेल्प लाईन टोल फ्री नंम्बर 1098 में सूचना देकर एक जिम्मेदार नागरिक बन सकते हैं जिससे बाल भिक्षावृत्ति की इस कलंक को सामाज से पुर्णतः दूर किया जा सके। संयुक्त टीम में सुश्री क्रांति साहू संरक्षण अधिकारी संस्थागत, श्रीमती विजया कैर्वत्य प्रभारी महिला सेल पुलिस, श्रीमती रेवती सिंह, श्रीमती प्रियंका सिंह आरक्षक महिला सेल पुलिस, श्री अविनाश ठाकुर परामर्शदाता श्रीमती परमेश्वरी धुर्वे सामाजिक कार्यकर्ता, श्रीमती श्यामा धुर्वे, श्रीमती नितिन किशोरी वर्मा, विनय कुमार जंघेल आउटरिच वर्कर जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग, सुश्री चित्रा राडेकर काउंसलर,सुश्री आरती यादव, सुश्री लवली दास, भुपेन्द्र बघेल टीम मेंम्बर चाईल्ड लाईन 1098 कबीरधाम एवं थाना कोतवाली कवर्धा एवं सहसपुर लोहारा के पुलिस टीम उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *