छत्तीसगढ़

चिरायु से बच्चों को मिल रही सुनने की क्षमता

-चिरायु योजनांतर्गत अब आम बच्चों की तरह सुन सकेगी जन्मजात बधिर खियांशी यादव

दुर्ग, सितंबर 2022/आंगनबाड़ी बाजार चौक घुघवा, पाटन निवासी बालगोविंद यादव की पुत्री खियांशी यादव जिसकी उम्र 2 वर्ष है, यह जन्मजात बधिरता (नहीं सुनने की समस्या) से ग्रसित थी। चिरायु टीम द्वारा बच्ची का चिन्हांकित कर जिला बाल रोग निदान केन्द्र (डीईआईसी) में रिफर किया गया। डीईआईसी की टीम द्वारा बच्ची की जांच की गई। जांच पश्चात यह पाया गया कि बच्ची को सर्जरी की आवश्यकता है। डीईआईसी की टीम ने बच्चे के माता-पिता को परामर्श कर कॉकक्लियर इम्प्लांट की सर्जरी हेतु बताया गया एवं सर्जरी करवाने की सुझाव दिया गया।

वर्ष 2021 से बच्चे की निरंतर जांच की प्रक्रिया एवं थेरिपी की प्रक्रिया होने के बाद एम्स अस्पताल रायपुर में कॉकक्लियर इम्प्लांटकी सफल सर्जरी बच्ची का दिनांक 26 सितंबर 2022 को कराई गई। सर्जरी के पश्चात् खियांशी यादव अब सामान्य बच्चों की तरह खियांशी यादव भी सुन सकेगी। चिरायु योजनांतर्गत वर्ष 2014 अब तक से कुल 04 बच्चों का सफल कॉकक्लियर इम्प्लांट कराया जा चुका है। वर्तमान में 07 बच्चें निरीक्षण में है। जिनकी सर्जरी कराई जानी है।
इसमें योगदान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.पी.मेश्राम , सिविल सर्जन डॉ वाई के शर्मा, नोडल अधिकारी डॉ. दिव्या श्रीवास्तव, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. समीतराज प्रसाद, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री पद्माकर शिंदे, डीईआईसी मैनेजर डॉ. नेहा राजपूत, स्पीच एवं ऑडियोलॉजी यूनिट प्रतिमा बारले, श्री मनोज साहू, रोशनी दीवान, अंजना रत्न प्रकाश एवं समस्त डीईआईसी टीम का रहा।

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