1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस
वृद्धजन शिविर के माध्यम से बुजुर्गों में होने वाले संचारी व गैर-संचारी बीमारियों की रोकथाम और उपचार के बारे में दी जाएगी जानकारी
रायपुर. 30 सितम्बर 2022. वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षण तथा सम्मान के प्रति लोगों में जागरूकता के लिए प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया जाता है। इसके साथ ही अक्टूबर माह को वयोवृद्ध माह के रूप में मनाया जाता है। वृद्धों व प्रौढ़ों के साथ होने वाले अन्याय, उपेक्षा और दुर्व्यवहार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से इस दिन को चिन्हित किया गया है। वयोवृद्ध माह के दौरान प्रदेश के सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक वृद्ध मरीजों को विशेष स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर जनसमुदाय में जागरूकता लाने राज्य एवं जिला स्तर पर अनेक गतिविधियां संचालित की जाएंगी। इसके तहत प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में बुजुर्गों के लिए विशेष ओपीडी सर्विस प्रदान की जाएगी। ऐसे जिले जहां पर वृद्ध आश्रम है, वहां स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा व स्वस्थ्य जीवन शैली अपनाने के लिए बुजुर्गों को प्रोत्साहित किया जाएगा। वृद्धजन शिविर के माध्यम से वृद्धजनों में होने वाले संचारी एवं गैर-संचारी बीमारियों के लक्षण, कारण, रोकथाम तथा उपचार के संबंध में भी जानकारी दी जाएगी।
वयोवृद्ध कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डाॅ. कमलेश जैन ने बताया कि कार्यक्रम के अन्तर्गत चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में माह अप्रैल से अब तक आठ लाख 27 हजार 077 वृद्धजनों की जांच की गयी है। इनमें से 53 हजार 318 वृद्धजनों को पुनर्वास सुविधा, चार लाख सात हजार 385 को लैब सुविधा, तीन लाख 16 हजार 098 वृद्धजनों का हेल्थ कार्ड, 28 हजार लोगों को होम बेस्ड केयर की सुविधा प्रदान की गई है।
प्रदेश के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में माह के प्रथम बुधवार एवं आयुर्वेदिक संस्थानों मे प्रत्येक गुरूवार को वृद्धजनों के स्वास्थ्य परामर्श, जांच एवं उपचार के लिए सियान जतन क्लीनिक का आयोजन किया जाता है। आयुर्वेदिक संस्थाओं में प्रत्येक गुरूवार को संचालित सियान जतन क्लीनिक में अब तक एक लाख 12 हजार से अधिक बुजुर्ग लाभान्वित हुए हैं।
सांख्यिकी कार्यालय के एक अध्ययन के अनुसार देश में बुजुर्गों की आबादी साल 1961 से लगातार बढ़ रही है। राष्ट्रीय जनगणना 2001 के अनुसार वर्ष 2031 तक देश में वृद्ध व्यक्तियों की संख्या लगभग 17.85 करोड़ पहुँच जाएगी। विश्व में वृद्धों एवं प्रौढ़ों के साथ होने वाले अन्याय, उपेक्षा और दुर्व्यवहार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से हर साल अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (International Day of Older Persons) मनाया जाता है। इस वर्ष “रिजिलेंस ऑफ ओल्डर पर्सन इन चेंजिंग वर्ल्ड विथ स्पेशल फोकस ऑन ओल्डर विमेन (Resilience Of Older Person in Changing World with special focus on older women)” की थीम पर यह दिवस मनाया जा रहा है।